November 16, 2024

सूरजकुंड मेला : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित मिल रही द्विभाषी पुस्तकें

Surajkund (Faridabad)/Alive News : पुस्तकों में ज्ञान का अथाह भंडार समाहित होता है। देश की संस्कृति व ज्ञान के भंडार का प्रचार-प्रसार करने की व्यवस्था भी सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में की गई है। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की तरफ से सचल पुस्तक परिक्रमा की एक बस मेला स्थल के गेट नंबर-1 के बाहर खड़ी है। इस सचल पुस्तकालय में विभिन्न विषयों की किताबों का भंडार है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पढऩे से बड़ा कोई आनंद नहीं और ज्ञान से बड़ी कोई ताकत नहीं, इस बस के अगले हिस्से में लगा है। आजादी के 75वें अमृत महोत्सव की श्रृंखला में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की ओर से देशभर में 5 बसों को चलता हुआ पुस्तकालय बनाया गया है। इन्हीं में से एक चलता हुआ पुस्तकालय आगामी 19 फरवरी तक सूरजकुंड मेले में खड़ा रहेगा।

पुस्तकालय के इंचार्ज सत्यपाल सिंह ने बताया कि यहां पर द्विभाषी पुस्तकें राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आधारित हैं। इसमें प्रतियोगी परीक्षाओं बच्चों के मनोरंजन, कहानियां, नोबेल तथा विभिन्न बड़ी हस्तियों के जीवन से जुड़ी पुस्तकें प्रदर्शित की गई है। पर्यटकों के लिए यहां पर बहुत ही जायज दाम में पुस्तकें मुहैया कराई जा रही है।

कालिदास के मेघदूतम् से लिया गया आदर्श वाक्य, एक: सूते सकलं इस बस के चारों तरफ लिखा गया है। नेशनल बुक ट्रस्ट अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता वाली पुस्तकों का प्रकाशन कर रहा है। देश के सभी हिस्सों में पुस्तक मेले और प्रदर्शनियों का आयोजन कर रहा है ताकि लेखकों, प्रकाशकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और पुस्तक प्रेमियों के बीच बातचीत का अवसर प्रदान किया जा सके। यहां पर अगर कोई पुस्तक पढऩा चाहे तो वह पढ़ भी सकता है।