Noida/Alive News: नोएडा सहित पूरे यूपी के प्राइवेट स्कूलों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों द्वारा कोरोना काल में ली गई फीस में से 15 प्रतिशत वापस करने या एडजस्ट करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। आप को बता दे की हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी फीस वापस न करने पर नोएडा डीएम ने कुछ दिन पहले 90 स्कूलों पर एक-एक लाख जुर्माना लगाया था।
स्कूलों की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनका पक्ष सुने बिना ये आदेश दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि साल 2020-21 में राज्य के सभी निजी स्कूलों में ली गई कुल फीस का 15 फीसदी जोड़कर आगे के सेशन में एडजस्ट किया जाए। इस कोर्ट के आदेश के बाद जब स्कूलों ने कोई फीस नहीं लौटाए तो डीएम ने कुछ दिन पहले 90 स्कूलों पर एक-एक लाख जुर्माना लगाया था। इसी के खिलाफ स्कूल सुप्रीम कोर्ट गए थे, और उन्हें राहत मिली है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर जिलाधिकारी मनीष कुमार ने विद्यालय पर एक्शन लिया था। है। साथ ही सभी विद्यालयों को 10 दिन के अंदर जवाब देने के लिए भी कहा गया है। कोरोना के वक्त विद्यालयों ने पेरेंट्स से पूरा शुल्क वसूला था। इसके विरूद्ध अभिभावकों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। जिसके तहत स्कूलों को शुल्क वापस करने का आदेश दिया गया था।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी इसका पालन नहीं किया गया। जिन विद्यालयों पर जुर्माना लगाया गया था, उनमें जिले के कई बड़े स्कूलों के नाम शामिल हैं। कोर्ट ने माना था कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल सिर्फ टीचिंग फीस के अलावा अन्य कोई शुल्क लेने का हकदार नहीं है। कोर्ट के आदेश के बाद भी अभिभावकों को फीस लौटाई नहीं गई थी और न ही फीस एडजस्ट की गई थी।
आदेश के बाद भी फीस वापस न करने पर नोएडा डीएम ने कुछ दिन पहले 90 स्कूलों पर एक-एक लाख जुर्माना लगाया था।