Faridabad/Alive News : आपसी द्वेष से परिणाम बदतर हो जाते हैं, अधिकतर लोग एक दूसरे के गुण, सौंदर्य, संपदा, पद-प्रतिष्ठा, से द्वेष करते हैं। जोकि प्रोफेसर एम.पी. सिंह के अनुसार गलत है, या तो उनको ज्ञान नहीं है, या उनका समय गलत चल रहा है।
इसीलिए वह ऐसा कर रहे हैं दूसरों के अवगुणों को उजागर करने में लगे हुए हैं दूसरों में कमियां ढूंढ रहे हैं। अपने आपको समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं दूसरों की निंदा में बड़ा आनंद ले रहे हैं अनावश्यक अपने समय को खराब कर रहे हैं उस समय को ऐतिहासिक भी बनाया जा सकता है।
किसी की प्रशंसा भी की जा सकती है किसी महापुरुष व मनीष के चरणों में बैठकर ज्ञान भी प्राप्त किया जा सकता है। आंखों से अच्छा भी देखा जा सकता है दिमाग और दिल से अच्छा भी सोचा जा सकता है। अच्छा सद्कार्य भी किया जा सकता है, अपनी मंजिल को प्राप्त करने के लिए भी काम किया जा सकता है लेकिन उनकी बुद्धि तो फिर गई है अपने विवेक से वे लोग काम नहीं ले रहे हैं।
वह मनोरोगी हो गए हैं उनकी मानसिक दशा ठीक नहीं है उनका संतुलन बिगड़ चुका है इसीलिए गलत कार्य करने में ही आनंद की अनुभूति कर रहे हैं सिंह का कहना है कि गलत कार्य के परिणाम हमेशा गलत ही होते हैं। चाहे भले ही देर में क्यों ना हो प्रसिद्ध शिक्षाविद, दार्शनिक और विचारक प्रोफेसर एम.पी. सिंह का कहना है, कि सफल लोगों के जीवन से हमें सीख लेकर आगे बढऩा चाहिए कई बार प्रेरक व सफल आत्माओं को भी साजिश के तहत जेल में डाल दिया जाता है उसका मतलब यह नहीं कि वह गलत है औरंगजेब ने गुरु नानक को भी जेल में डाल दिया था अंग्रेजों ने भी अरविंद को जेल में डाल दिया था
विवेकानंद ,रामकृष्ण परमहंस आदि जैसे महापुरुषों को भी अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ा क्या वे गलत हो गए लेकिन आज तो अधिकतर लोग हाथों में फूल और जेब में कंकड़ भरकर रखते हैं यदि वह माननीय, वंदनीय, प्रार्थनीय और पूजनीय हैं तो फूल चढ़ाते हैं और यदि उनसे कहीं थोड़ी सी चूक या गलती हो गई तो उस पर पत्थर फेंकते हैं कैसी विडंबना है|
किसी का किसी में विश्वास नहीं है हर जगह छल कपट, दंभ ,अनाचार है सब स्वार्थ सिद्ध करने में लगे हुए हैं आज कोई किसी पर भरोसा नहीं करता है उसकी कमियों पर काबू पा कर उसका आजीवन शोषण करता रहता है आज पवित्र ज्ञानी, विज्ञानी, गुणी, शास्त्री और आचार्यों की जरूरत नहीं है आज रक्षा सुरक्षा के लिए अपने पास बदमाश, दस नंबरी, मर्डरर रखते हैं यह नहीं पता कि वही आपके भविष्य का काल बनेगा साथियों में संत महात्मा और प्रचारक तो नहीं हूं|
लेकिन विद्वान समाजशास्त्री होने के नाते से जन जागरण हेतु इस प्रकार के लेख लिखता रहता हूं जिसको अनेकों लोग शराह्ते हैं और सीख लेकर आगे बढ़ते हैं जो लोग अपने अंदर परिवर्तन करना चाहते हैं या जो विद्यार्थी हैं वह अधिकतर मेरे जैसे लोगों को पढऩा और सुनना पसंद करते हैं लेखक डॉक्टर एम.पी.सिंह का सभी पाठकों को यथा योग्य सम्मान व प्यार भरा नमस्कार और अपील की आपसी द्वेष से बचें आपसी प्यार और भाईचारे को बढ़ाएं।