Faridabad/Alive News : कालीबाड़ी सेक्टर- 16 में मां जगधात्री की प्रतिमा स्थापित की गयी और शनिवार की साढ़े पांच बजे से पूजा अर्चना प्रारम्भ की गयी । इसमें सप्तमी से नवमी तक एक ही दिन पूजा व भोग अलग-अलग समय पर लगाया गया।
माता जगधात्री देवी दुर्गा की ही एक रूप मानी जाती है। माता सिंह पर सवारी करती हैं जो कि एक मृत हाथी पर खड़ा हैं। इसके पीछे एक बात विख्यात हैं कि यह प्रतिमा यह कहती हैं माता उन्ही के ह्रदय में वास करती हैं जो अपने अंदर उन्मत हाथी के भाव को नियंत्रित कर सकते हैं, अर्थात जो अपने गलत एवम अहम् भाव को खत्म कर चुके हैं ।
आमतौर पर यह पर्व दुर्गा नवमी के एक माह बाद होती है। पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, ओडिशा एवं नेपाल के कुछ अंचलों में हिन्दुओं का ये बहुत बड़ा त्यौहार होता है । उद्योग नगरी फरीदाबाद के नवंबर की सर्द सुबह में भी सुबह 4 बजे से ही कालीबाड़ी के भक्तगण विशेषकर मंदिर की महिला सदस्य पूजा की तैयारी में सक्रिय रहे एवं दूसरे भक्तगण भी काफी हर्षोउल्लास के साथ माता की पूजा में शामिल हुए।
पूजा में शामिल होने के लिए कुछ भक्त नोएडा जैसे दूर के स्थानों से भी आये थे। सुबह करीब साढ़े नौ बजे पुष्पांजलि एवं होम यज्ञ के साथ कालीबाड़ी के दोनों पुरोहितों द्वारा पूजा का समापन किया गया। मंदिर समिति के सदस्य ए. के पंडित ने बताया की सुबह से ही भक्तों एवं सभी दर्शनार्थियों के लिए विशेष प्रसाद एवं भोग वितरण की व्यवस्था की गयी है जो कि कोविद नियमों को ध्यान में रखते हुए बंद पैकेटों में वितरित की जाएगी ।