Chandigarh/Alive News: आम आदमी पार्टी के सांसद एंव हरियाणा सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता ने कहा कि हरियाणा के स्वास्थ मंत्री के प्रदेश में आक्सीजन की कमी के बयान से साफ हो गया है कि उनसे कोरोना महामारी को लेकर बने हालत संभाले नहीं जा रहें है। बल्कि वह हमेशा ही बताते रहे उनकी महामारी को लेकर तैयारी व योजना पूरी है।
डा गुप्ता ने कहा कि कोरोना के लगातार बढ़ते मरीजों के चलते हर प्रदेश अपने लिए ज्यादा ऑक्सीजन मांग रहा है। इसमें भेदभाव की बातें भी सामने आने आई थी। जबकि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज केन्द्र सरकार से कि वह उनको 700 एमटीऑक्सीजन की बजाए, 582 एमटी ऑक्सीजन दें। क्योंकि अब दिल्ली ने अरविंद केजरीवाल के दिशानिर्देशों पर कार्य कर दिल्ली की कोरोना से बिगड़ी स्थिति को संभाल लिया है।
वहीं दिल्ली से सटा हरियाणा प्रदेश में एक्टिव केस ज्यादा होने की बात कहकर दिल्ली के मुकाबले अधिक आक्सीजन की मांग कर रहा है। यह मांग हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डज्ञ हर्षवर्धन से बैठक के दौरान की है। विज ने कहा था कि हरियाणा में इस वक्त एक लाख आठ हजार सक्रिय मरीज हैं, जबकि दिल्ली में 85 हजार ही हैं। इतना ही नहीं हरियाणा में दिल्ली के मरीज भी आ रहे हैं, जिनके उपचार की व्यवस्था भी हम कर रहे हैं।
इस पर डा गुप्ता ने कहा सच्चाई बिलकुल उलट है। दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री के आदेश पर लगातार अतिरिक्त बेड्स बढ़ाने का काम दिन रात कर रही है। एक समय में मरीज अधिक होने पर दिल्ली को 700 एमटी ऑक्सीजन की जरूरत थी। वहीं आज जब स्थिति ठीक होने लगी है तो खुद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केन्द्र को बताया है कि उनको 582 एमटी स कम ऑक्सीजन की जरूरत है। ऐसे में बाकी आक्सीजन अन्य प्रदेशों की जरूरत पूरी करने के लिए दी जा सकती है। यह केवल केजरीवाल सरकार ही कर सकती थी।
दूसरी तरफ हरियाणा को 282 एमटी कोटा मिला है। हरियाणा को वर्तमान में 400 एमटी ऑक्सीजन की जरूरत है। इसके लिए पहले से तैयारी की जानी चाहिए थी, मगर प्रदेश के स्वास्थ मंत्री अनिल विज ने यह मामला बैठकों के दौर तक सीमित रखा। वहं जनता को कहते रहे कि हमारे पास किसी की कमी नहीं है। इससे साफ है कि उनके कहने और करने में कितना अंतर है।
अब तक कुल 6429 लोगों की जान चुकी है। 24 घंटे में 12,495 नए मरीज मिले। कुल पॉजिटिव बढ़कर 6,54,068 हो गए हैं।
गुरूवार को 14,264 मरीज स्वस्थ भी हुए। प्रदेश में अभी भी 1,08,030 एक्टिव मरीज हैं। डा सुशील गुप्ता ने प्रदेश सरकार से मांग की कि कोरोना वैक्सीन के लिए सरकार को तेजी से कार्य करना चाहिए, मगर वह यह भी नहीं कर पा रही है। आज कोरोना शहर दो छोडिए गांवों तक पहुंच चुका है। हालांकि सरकार ने प्रतिदिन 60 हजार टेस्ट करने का निर्णय लिया है, मगर वो होते दिखाई नहीं दे रहें।
डा गुप्ता ने कहा कि प्रदेश को कोरोना की महामारीे से बचाने के लिए सरकार को ग्रामीण स्वास्थ्य जांच अभियान के दौरान, आरटीपीसीआर टेस्ट के साथ रैपिड एंटीजन टेस्ट अधिक ध्यान देना होगा। गांवों में अधिक से अधिक स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित हो। प्रत्येक जिले में मौजूद बेड की संख्या को बढाया जाए एवं टेस्टिंग के लिए प्रदेश में टीमें गठित की जाए।
उन्होंने कहा गांवों में आइसोलेशन सेंटरों में ऑक्सीमीटर, स्टीमर, थर्मामीटर, ब्लड प्रेशर चेकिंग मशीन आदि की व्यवस्था की जाएगी, तभी हम प्रदेश में इस महामारी को रोकने में सफल हो सकते है।