Faridabad/Alive News : आज एसएसबी हार्ट हाॅस्पिटल की तरफ से कम उम्र में हो रहे हृदयघात के कारण और बचाव पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। उक्त कार्यशाला में नगर निगम के आयुक्त यशपाल यादव, अतिरिक्त आयुक्त अभिषेक मीना, स्वास्थ्य अधिकारी नितिश परवाल एसएसबी हार्ट हास्पिटल के एमडी डा. एसएस बंसल तथा अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।
डा. एस.एस. बंसल ने कहा कि हृदयाघात किसी भी उम्र में हो सकता है, हृदयाघात के लिए मरीजों को पहले से ब्लड प्रेशर या शुगर की बीमारी हो यह जरूरी नहीं है। कम उम्र में हृदयाघात ज्यादा खतरनाक होते हैं और ऐसा होने पर मरीज को बचाया जाना कठिन होता है। मरीज की आयु 40 वर्ष से कम होने पर हृदयाघात के कारण आनुवंशिक, मोटापा, खानपान में लापरवाही, अनियमित दिनचर्या व भावनात्मक रूप से ज्यादा संवेदनशीलता होती है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में युवा मोबाइल का उपयोग गेम खेलने में ज्यादा कर रहे हैं। इससे हृदय में भावनात्मक स्ट्रेस बढ़ने से गंभीर बीमारी बढ़ने की संभावना रहती है। असमय घबराहट होना व पसीने का आना, नियमित काम करने में कमजोरी का अनुभव होना, गंभीर हृदयाघात के आरंभिक लक्षण हो सकते हैं। हृदयाघात के लिए छाती में दर्द होना जरूरी नहीं है। पेट में, तालू में व कंधे में होने वाला दर्द भी कई बार हृदयाघात के लक्षण हो सकते है।