Chandigarh/Alive News: हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में स्टेडियम का रख-रखाव व वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश के विकास एवं पंचायत विभाग ने भी खेल विभाग के साथ मिल आगे बढ़कर तैयारी शुरू कर दी है। प्रत्येक जिला के एक-एक ग्रामीण खेल स्टेडियम को मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों से आगामी एक माह में मॉडल के तौर पर सुदृढ़ एवं सुंदर बनाया जाएगा। जो भी मॉडल सर्वश्रेष्ठ होगा, उसके अनुसार पूरे राज्य के ग्रामीण स्टेडियमों को तैयार किया जाएगा।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बुधवार को यहां हरियाणा निवास में विकास एवं पंचायत विभाग तथा खेल एवं युवा मामले विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की। डिप्टी सीएम, जो स्वयं भारतीय टेबल टेनिस फेडरेशन के अध्यक्ष भी हैं, ने हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में खिलाड़ियों के लिए संसाधन मुहैया करवाने तथा सरकार द्वारा पहले से बनाए गए राजीव गांधी खेल परिसरों को मैंटेन कर सकारात्मक माहौल बनाने के लिए विकास एवं पंचायत विभाग तथा खेल एवं युवा मामले विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ओलंपिक से लेकर पैरा-ओलंपिक खेलों तक हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश एवं प्रदेश का नाम रोशन किया है, इनमें ग्रामीण क्षेत्र के खिलाडियों की संख्या अधिक है। गांव में सुविधाएं न मिलने के कारण उनको शहरों का रूख करना पड़ता है। उन्होंने हैरानी जताई कि कुछ गांवों में खेल परिसरों के नाम पर 5-6 एकड़ जमीन पर मात्र चारदीवारी बनाई गई हैं, वहां न तो साफ-सफाई है और न ही खिलाडियों के अभ्यास के लिए सामान, टॉयलेट आदि की सुविधाएं हैं। लंबी-लंबी घास खड़ी है, कई गांवों में तो गांव से बहुत दूर खेल परिसर बनाए गए हैं जहां उनका सदुपयोग नहीं हो पा रहा है।
दुष्यंत चौटाला ने बैठक में उपस्थित सभी जिला परिषदों के सीईओ को निर्देश दिए कि वे आगामी एक माह में अपने-अपने जिला के एक-एक गांव में स्टेडियम को सुंदर एवं सुदृढ़ बना कर दिखाएं, जिस गांव के स्टेडियम का मॉडल सर्वोत्कृष्ट होगा, उसके मॉडल को अपनाकर पूरे राज्य के गामीण क्षेत्र में स्टेडियमों का सौंदर्यकरण व रख-रखाव किया जाएगा। उन्होंने संबंधित सीईओ को भी सम्मानित करने की घोषणा की है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की मनरेगा योजना के तहत अब 282 कार्य करवाए जा सकते हैं जिनमें खेल के मैदान को समतल करना, घास लगाना जैसे कई कार्य ऐसे हैं जिनसे स्टेडियमों के सौंदर्यकरण व रख-रखाव के कार्य हो सकते हैं। उक्त दोनों विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसी योजना तैयार करें जिससे मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों से स्टेडियमों में अधिक से अधिक काम करवाए जा सकें, इससे गांव के लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार भी मिलेगा और खिलाड़ियों को खेल सुविधाएं।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसी संभावना तलाशें कि इन खेल स्टेडियमों में इंडोर-हॉल, बड़ा कमरा, टायॅलेट आदि की सुविधा के साथ-साथ नियमित साफ-सफाई बनी रहे ताकि संबंधित गांव के खिलाड़ियों में खेल के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बने और वे अपने अभ्यास पर ध्यान केंद्रित रख सकें।