Faridabad/Alive News : पूरे देश में स्मोकिंग फ्री वीक मनाने कि जरूरत क्यो पड़ती है, क्या आपने कभी सोचा है, आपको पता होना चाहिए लगभग 20 प्रतिशत विद्यार्थी बाल्यवस्था में ही बीडी सिगरेट पीना शुरू कर देते है कुछ बच्चें अपने हाथ में नेल पॉलिस(थिनर) को साफ करने वाला कैमीकल लेकर सूघते रहते है और नशे के आदि हो जाते है, क्योंकि उनके अंदर जागरूकता की कमी है और उन्हे जागरूक करना बहुत जरूरी है।
छात्रों के नशे के आदी होने के बाद उनके अभिभावक अपनी गलतियों पर पछतावा करते है। लेखक डॉ.एम.पी.सिंह ने बताया कि बीडी सिगरेट पीने से मुंह का कैंसर व अल्सर, खंासी और तपेदिक जैसे रोग हो जाते है। लेकिन कुछ लोग किसी तनाव को दूर करने के लिए इसे अपना साथी बना लेते है और इसका सेवन शुरू कर देते है। वहीं कुछ ऐसे भी है जोकि बाहरी दिखावे के लिए या दूसरों को प्रभावित करने के लिए इसका सेवन करते है।
आपको ज्ञात होगा पहले हुक्का और बीडी बड़े-बूढ़े लोग पीते थे और इसको सामाजिक सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा था। लेकिन जब इसके सेवन से लोग मरने लगे तो सरकार इसका विरोध करने लगी और सार्वजनिक स्थानों पर या सरकारी दफतरों में बीडी सिगरेट पीने पर 200 रू. जुर्माना निर्धारित कर दिया। वहीं स्कूलों के आस-पास 100 मी. की दूरी में यदि कोई बीडी, सिगरेट और तम्बाकू की दुकान चलाता है, तो उसको भी सरकारी तौर पर जुर्माना भिरना पड़ेगा और सजा का भी प्रावधान है। बीडी सिगरेट पीने की वजह से हर तीसरा व्यक्ति मौत का कारण बनता है।