दिन में नींद आना बहुत से लोगों की समस्या है। लाख कोशिशों के बाद भी दिन का कुछ समय ऐसा होता है जब जागना मुश्किल लगता है। वैसे तो भगवान ने दिन और रात इसीलिए बनाए हैं कि दिन में इंसान काम करे और रात को सोए। उसके बावजूद भी 3 बजते-बजते नींद आंखों पर बसेरा बना ही लेती है। जिसकी वजह से ऑफिस का सारा काम डिस्टर्ब हो जाता है। विदेशों में कई जगह ऑफिसेज में पॉवरनैप लेने की जगह बनी होती है। जहां कुछ देर एम्पलॉई रेस्ट कर लेते हैं। जिससे दिमाग रिफ्रेश हो जाए।
दिन में नींद आने के कई कारण हो सकते हैं। जिसमे जरूरत से ज्यादा तनाव या थकान हो सकता है। लेकिन इसके अलावा भी दो कारण हैं जो नींद आने के लिए जिम्मेदार होते हैं।दिन के तीन बजते-बजते अगर आप नींद से परेशान हो जाते हैं तो इसका कारण है दिमाग। अक्सर रात के 3-4 बजे के बीच हर इंसान गहरी नींद में होता है। एक्सपर्ट के मुताबिक इस दौरान हर इंसान की गहरी नींद का वक्त 4 बजे के बाद खत्म होने लगता है। ऐसे में शरीर की रिदम का साइकिल ठीक 12 घंटे बाद दोबारा से नींद की डिमांड करता है। जिससे कि बॉडी रिलैक्स हो सके।
अक्सर दिन में नींद आने का कनेक्शन खाने से जुड़ा होता है। कुछ फूड्स ऐसे होते हैं जो शरीर में सुस्ती बढ़ाते हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि दिन का खाना खाने के बाद शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में जब ये ग्लूकोज का लेवल वापस से कम हो जाता है तो शरीर में एनर्जी की कमी हो जाती है। जिसकी वजह से दिन में नींद आने लगती है।जिन फूड्स में ज्यादा मात्रा में शुगर, कार्बोहाइड्रेट, ग्लूकोज ज्यादा मात्रा में होते हैं। जैसे पास्ता, चावल, आलू, ब्रेड या हाई ग्लूकोज लेवल वाले फूड खाते हैं तो ब्लड शुगर बढ़ जाता है। जिससे कोशिकाओं तक एनर्जी कम पहुंचती है और खाने के बाद नींद आना शुरू हो जाती है।
अगर आप रात को जल्दी नहीं सोते हैं तो इससे दिन में नींद आने का चांस ज्यादा रहता है। वैसे तो 7-8 घंटे की नींद पूरी होने के बाद शरीर रिलैक्स रहता है लेकिन फिर भी उठने के कुछ समय बाद एक बार फिर सुस्ती आने लगती है।