Faridabad/Alive News : वन कर्मचारी एवं वन विभाग मजदूर यूनियन ने अपनी मांगो के समर्थन में आज मंगलवार को वन मण्डल अधिकारी के कार्यालय पर धरना दिया। इसकी अध्यक्षता जिला प्रधान बुद्धराम ने की जबकि संचालन ब्रहम सिंह चन्देला ने किया। कर्मचारियों के सम्बोधित करते हुये सर्व कर्मचारी संघ के प्रान्तीय मुख्य संगठन सचिव विरेन्द्र सिंह डंगवाल ने राज्य सरकार पर वन विभाग में ठेकेदारी प्रथा को लागू करने का आरोप लगाया।
उन्होनें बताया कि विभाग में वर्षा से कर्मचारियों की भर्ती बंद है। स्थायी कार्यो पर अस्थाई मजदूरों को लगाया जाता है, इन्हें भी न्यूनतम वेतन सरकार नहीं देती है। सरकार की नीतियों के कारण वन क्षेत्र लगातार घट रहा है। वन विभाग की भूमि पर अवैध कब्जे हो रहे है। प्रदेश में विकास के नाम पर वन भूमि में पेट्रोल पम्प, होटल और संस्थानों को खोला जा रहा है। प्रदेश के गठन के बाद वन क्षेत्र बढाने के लिये विभिन्न परियोजना चलाई गई थी, जिसमें रोजगार पैदा होने थे, लेकिन सरकार की नीतियों की वजह से स्थायी पद सृजित नहीं हुये।
वर्तमान में विभाग में कोई परियेजना अस्तित्व में नहीं है। वन भूमि पर वृक्षारोपण ना होने के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। विभाग की नर्सरियां बंद होने के कारण रोजगार घट रहा है। सामाजिक वानिकी परियोजना, अरावली परियोजना तथा सामुदायिक वानिकी परियोजना बंद होने से पदों की समाप्ति हो रही है। विभागीय कार्य करवाने के लिये मजदूरों के स्थान पर टैण्डर प्रणाली लागू करके श्रमिकों के शेषण का रास्ता निकाला जा रहा है।
वन विभाग में मजदूरों के ईपीएफ, ईएस0आई0 हाजरी कार्ड, काम करने के लिये औजार नहीं दिये जाते है। यूनियन ने आन्दोलन को तेज करने का फैसला लिया है। आगामी 30 जनवरी केन्द्रीय ट्रैड यूनियनों के आवहा्रन पर जेल भरों आन्दोलन में भाग लेगे। इसके बाद 23 फरवरी को गुडगांवा परिमण्डल के कार्यालय का घेराव किया जायेगा। आन्दोलन के चौथे चरण में 24 मार्च को वन मंत्री, हरियाणा के गुडगांव आवास पर प्रर्दशन करके अनिश्चितकालीन पडाव डाला जायेगा।
आज के धरने को वन मजदूर यूनियन के सचिव अमर कौर, संगठन सचिव शीला, समय पाल, सत्यवती, ओमपाल, नवीन कुमार, वन कर्मचारी संघ के सचिव औम प्रकाश शर्मा, हेमराज, धर्म सिंह ने भी सम्बोधित किया।