December 27, 2024

श्रीराम कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है: सी.बी.रावल

Faridabad/Alive News: सेक्टर-9 के श्री राम मंदिर में 9 दिवसीय श्रीराम कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। राम कथा को सुनने श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। 16 फरवरी से 24 फरवरी तक आयोजित यह 9 दिवसीय राम कथा दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक किया जा रहा है। कथावाचक परम पूज्य संत कृष्णा स्वामी जी वृन्दावन वाले महाराज द्वारा भगवान श्रीराम की पावन कथा का वर्णन बड़े ही सूंदर तरीके से किया जा रहा है।

9 दिवसीय श्रीराम कथा का भव्य आयोजन श्रीराम कृष्णा फाउंडेशन, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 9 , श्रीराम मंदिर महिला समिति , प्रोत्साहन वूमेन सोसाइटी की और से किया जा रहा है। दूसरे दिन कथा में विशेष रूप से भाग लेने पहुंचे रावल शिक्षण संस्थान के चेयरमैन सी.बी.रावल का आयोजक कमिटी की और से पहुंचने पर भगवन श्री राम जी का प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया गया। इस मौके पर कथा वाचक कृष्णा स्वामी जी महाराज से आशीर्वाद लेने के बाद सी.बी.रावल ने कहा की यहां आना उनके लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है।

उन्होंने कहा कि भगवान राम जैसा चरित्र इस संसार में पैदा नहीं हुआ। वह परम उदार, दयालु और मार्ग दर्शक हैं। भगवान राम का नाम उनसे बड़ा है उनके नाम में इतनी शक्ति है कि अगर सच्ची भक्ति और निष्ठा से पत्थर पर लिखने से पानी तैरने लगता है। भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहे जाते हैं।

सदियों से अभिभावक उनके जैसा बेटा चाहता है। उन्होंने श्रीराम कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि श्रीराम कथा हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। कथा सुनने मात्र से ही प्रभु की कृपा मिलती है। उद्योगपति अरुण बजाज ने कहा कि जहां भगवान श्रीराम की कृपा होती है, उसी जगह रामकथा संभव हो पाती है। राम की कृपा वहीं होती है, जहां उनके भक्त रहते हैं।
रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 9 के प्रधान रणवीर चौधरी ने कहा की प्रभु ने ही मानव शरीर बनाया है।

लेकिन पुरुषार्थ मानव का धर्म है। बिना परिश्रम के कुछ भी मिलना असंभव है। रामकथा से हर जीव की व्यथा दूर हो जाती है। संसार के सभी जीवों का मंगल रामकथा के श्रवणपान से ही हो जाएगा। कथावाचक परम पूज्य संत कृष्णा स्वामी जी वृन्दावन वाले महाराज जी ने दूसरे दिन श्री राम जी एवं हनुमान जन्मोत्सव ,विश्वमित्र यज्ञ ,जनकपुर लीलाएँ, धनुषभंग ,परशुराम चरित्र का कथा के रूप में वर्णन किया।

आज कथा के दूसरे दिन विशेष रूप से हुकमचंद लाम्बा और बाबूराम अग्रवाल को भी भगवान श्री राम जी का प्रतीक चिन्ह देकर स्वागत किया गया। कथा सुनने के लिए पंडाल में गणमान्य लोगों में विनोद शर्मा, अशोक मित्तल, एस ई अग्रवाल, आर.के केश्वानिया, द्रोपदी अदलखा, राजेंदर मेहंदीरत्ता, बलदेव जुनेजा के. के अग्रवाल सहित शहर के सैकड़ों महिला-पुरूष श्रद्धा श्रीराम कथा में मौजूद रहे।