November 17, 2024

चौंकाने वाला खुलासा, टाइटैनिक के डूबने की असल वजह आई सामने

टाइटैनिक के डूबने की असल वजह पर खोज कर रहे विशेषज्ञों की एक टीम ने काफी चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रिपोर्ट की मानें तो मशहूर जहाज टाइटैनिक आइसबर्ग से टकराने के कारण नहीं, बल्कि आग के कारण उत्तरी अटलांटिक सागर में डूब गया था। अभी तक यह माना जाता रहा है कि टाइटैनिक समुद्र की सतह के नीचे बने एक आइसबर्ग के साथ टकराकर डूब गया था। अब शोधकर्ताओं ने कहा है कि जहाज टकराया तो था लेकिन आइसबर्ग के कारण वो डूबता नहीं अगर उसमें आग न लगी होती। विशेषज्ञों का कहना है कि, यह आग तीन हफ्तों तक लगी रही और किसी ने भी इसपर ध्यान नहीं दिया। इसी आग के कारण जहाज क्षतिग्रस्त हो गया था। फिर जब सफर के दौरान आइसबर्ग के साथ इसकी टक्कर हुई, तो कमजोर होने के कारण वह डूब गया।

जहाज का वो हिस्‍सा था कमजोर
यह बात तब सामने आई जब पत्रकार सेनन मोलोने ने जहाज के मुख्य इलेक्ट्रिकल इंजिनियर्स द्वारा ली गई तस्वीरों का अध्ययन किया। इन तस्‍वीरों को गौर से देखा गया तो कई राज खुलकर सामने आए। मालोने का कहना है कि उन्होंने इन तस्वीरों में पतवार के दाहिनी ओर 30 फुट लंबे काले निशान देखे। यह निशान जहाज की लाइनिंग के उस हिस्से के ठीक पीछे है, जहां आइसबर्ग टकराया था। उन्होंने कहा, ‘हम अब जहाज के उस हिस्से की तलाश कर रहे हैं, जहां पर आइसबर्ग टकराया था। उस इलाके में पतवार का जो हिस्सा है, उसमें कोई क्षति या कमजोरी है या नहीं, हम इसे देखेंगे।’

यात्रियों से छुपाई गई यह बात
एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि शायद किसी आग के कारण पतवार के पास यह निशान बना। यह आग शायद जहाज के बॉयलर रूम के पीछे बने तीन-मंजिला ईंधन स्टोर में लगी होगी। 12 लोगों की एक टीम ने यह आग बुझाने की भी कोशिश की, लेकिन आग उनके काबू से बाहर थी। इसके कारण जहाज का तापमान 1,000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसके बाद जब टाइटैनिक आइसबर्ग से टकराया, तब तक आग के कारण स्टील से बनी इसकी पतवार काफी कमजोर हो गई थी। इसी वजह से आइसबर्ग के साथ टकराने पर जहाज की लाइनिंग टूट गई। टाइटैनिक बनाने वाली कंपनी के अध्यक्ष जे. ब्रूस ने जहाज पर सवार अधिकारियों को निर्देश दिया था कि इस आग के बारे में यात्रियों को कुछ ना बताएं।

लापरवाही के कारण हुआ हादसा
पत्रकार सेनन मोलोने ने अपने रिसर्च के बारे में चैनल पर दिखाई गई एक डॉक्युमेंट्री में बताया है। मोलोने ने दावा किया है कि जहाज पर लगी आग से हुए नुकसान को यात्री ना देख सकें, इसलिए जहाज को साउथंपटन स्थित बर्थ पर रखा गया था। इसमें कहा गया है, ‘टाइटैनिक की आधिकारिक जांच में कहा गया था कि जहाज का डूबना प्राकृतिक हादसा था। अब जो चीजें सामने आ रही हैं उससे पता चलता है कि आग, बर्फ और आपराधिक लापरवाही के कारण टाइटैनिक के साथ यह हादसा हुआ था।’