September 29, 2024

निजी कोष और लोगों की मदद से भाकरी सड़क की मरम्मत कराएंगे कांग्रेसी नेता विजय प्रताप

Faridabad/Alive News: करीब 6 साल से बदहाल पाली भाकरी सड़क की मरम्मत वरिष्ठ क्रांग्रेसी नेता विजय प्रताप और गांव के लोगों के आर्थिक सहयोग से होगा। सड़क बनवाने और सरकार की सदबुद्धि के लिए पिछले 14 दिनों से यज्ञ कर रहे लोगों से मिलकर विजय प्रताप ने आश्वासन दिया।

विजय प्रताप सिंह ने कहा कि इस सड़क से लगभग 50, 000 लोग गुजरते हैं, कई बार विरोध प्रदर्शन के बाद भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। टूटी और बदहाल सड़क के कारण लोग आए दिन गिरकर चोटिल हो रहे हैं। विजय प्रताप ने घोषणा करते हुए कि गांव वालों के सहयोग और निजी खर्चे से इस सड़क की मरम्मत कराया जाएगा। सड़क की मरम्मत में जो भी लागत आएगी उसका आधे से ज्यादा खर्च मेरे द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सड़क की मरम्मत के बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश कि कांग्रेस सरकार को पत्र लिखकर कांग्रेस सरकार से सड़क निर्माण की मांग की जाएगी, भाजपा केवल वादे करने में व्यस्त है।

उन्होंने कहा कि 1 साल पहले इस सड़क का आर्डर हो गया था लेकिन अब तक एक ईंट भी नहीं लगी जिससे लगता है कि इस सड़क के लिए जो पैसा पास हुआ था वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। 9 साल में नगर निगम का बजट ही 20000 करोड़ से ज्यादा है। स्मार्ट सिटी योजना के नाम से हजारों करोड़ आए। केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने हजारों करोड़ दिए लेकिन सारा पैसा गायब हो गया, कहीं भी विकास दिखाई नहीं पड़ रहा है। विजय प्रताप सिंह ने कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार के विकास के सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। 14 दिन से भाकरी गांव के लोग सरकार सद्बुद्धि महायत पर बैठे हैं लेकिन सत्ताधारी पार्टी का कोई नेता और उनके अधिकारी इनका दुख दर्द जानने नहीं पहुंचा।

इस मौके पर निवर्तमान पार्षद राकेश भड़ाना ने कहा कि भाजपा के नेता और यहां की अधिकारी जनता को गुलाम समझते हैं। बड़खल विधानसभा क्षेत्र में दो जगहों पर लोग 15 दिन से सड़क के लिए प्रदर्शन और महायज्ञ कर रहे हैं लेकिन सत्ताधारी उनके पास अब तक नहीं पहुंचे। इस मौके पर महायज्ञ के आयोजक सतेंद्र फागना ने कांग्रेसी नेता विजय प्रताप से कहा कि आपसे जो उम्मीद थी और आपने लोगों का दर्द समझा। सरकार और मंत्री अपनी उपलब्धियों को गिनने में वयस्त हैं, जनता की ओर ध्यान देना तो दूर उनका हाल भी नहीं पूछ रहे हैं। पिछले 14 दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन मंत्री तो दूर अधिकारियों ने भी समस्या को सुनने की जहमत नहीं उठाई।