Faridabad/Alive News: फरीदाबाद सैक्टर 21 बी स्थित जीवा पब्लिक स्कूल में आज आयुर्वेद और जीवन शैली पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें आयुर्वेद से जुड़ी आवश्यक जानकारियां दी गई। जीवा आयुर्वेद संस्थान के अनुभवी चिकित्सक डॉ0 केशव चौहान ने छात्रों और अध्यापिकाओं को आयुर्वेद की जानकारी दी जिसमें उनको स्वस्थ रहने और सात्विक राजसिक एवं तामसिक आहार के विषय में जानकारी दी गई।
उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों पर आहार और जीवन शैली का अत्यंत प्रभाव पड़ता है इसलिए हमें आहार एवं जीवन शैली पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हम ग़लत आहार के कारण ही बीमार होते हैं।अक्सर हमें यह नहीं पता होता है कि हमें भोजन में क्या खाना चाहिए। आयुर्वेद के नियमानुसार हमारी शारीरिक संरचना तीन तत्वों पर आधारित है। वे तत्व हैं वात पित्त और कफ वास्तव में हम अपने वातए पित्त और कफ की प्रकृति को अच्छी तरह से नहीं जानते हैं और नियम के विरूद्ध भोजन ग्रहण करते हैं और बीमार पड़ जाते हैं।
सर्वप्रथम हमें अपनी शारीरिक संरचना के विषय में जानकारी होनी चाहिए कि हमारी शरीर की संरचना किस प्रकार की हैए और हमें उसी के आधार पर बचपन से ही जीवन शैली बनानी चाहिए और भोजन भी करना चाहिए। इसी विषय को देखते हुए विद्यालय के सभी छात्रों को वात पित्त और कफ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। जिससे वे अपनी शारीरिक संरचना को
जाने। आयुर्वेद के अनुसार तीनों तत्वों को समझे और अपनी प्रकृति को जाने। उन्होंने कहा कि हमें तीनों तत्वों को ध्यान में रख कर ही भोजन करना चाहिए। इससे हम अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। मनुष्य जीवन में आयुर्वेद का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
इसके लिए आवश्यक है कि हम सभी को आयुर्वेद के नियमों एवं सिद्धांतों के विषय में भी जानकारी हो। इसके अलावा उन्होंने सत्वगुणए रजोगुण और तमोगुण की भी जानकारी दी। उन्होंने इन तीनों गुणों की जानकारी देते हुए कहा कि ये तत्व भी हमारे जीवन शैली को प्रभावित करते हैं। जीवा स्कूल में सभी बच्चों एवं अध्यापकों का वातए पित्त और कफ का परिक्षण किया जाता है और उसी अनुसार भोजन एवं जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।