ईवीएम हैंकिंग के मुद्दे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि EVM पूरी तरह से सुरक्षित है, इसे हैक नहीं किया जा सकता है. चुनाव आयोग ने कहा कि भारत में जिन EVM मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है, वह अमेरिका, जर्मनी और नीदरलैंड से भी अच्छी हैं.
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि 2019 के लोकसभा चुनावों में VVPAT का इस्तेमाल किया जाएगा. सितंबर 2018 तक देश में 16 लाख से ज्यादा VVPAT मशीन उपलब्ध हो जाएंगी.
गुजरात में भी VVPAT पर सवाल?
इससे पहले पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वो 4 सप्ताह के भीतर बताए कि उसके पास कितनी VVPAT से जुड़ी ईवीएम मशीनें है. गुजरात के एक कांग्रेस कार्यकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ऐसा निर्देश दिया था. याचिका ने कहा है कि चुनाव आयोग के पास पहले से VVPAT मशीनें हैं लेकिन आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में वे इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहता.
कोर्ट ने चुनाव आयोग को जवाब देने का निर्देश देते हुए इस मामले को भी दूसरी याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए टैग कर दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि पहले चुनाव आयोग मशीन न होने का हवाला देता था और अब कहता है कि उसे चलाने के लिए प्रशिक्षित लोग नहीं हैं.
बता दें 11 मार्च को पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आने के बाद कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए थे. यूपी में बीजेपी की बंपर जीत पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सीधे पर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. इसके बाद अखिलेश यादव समेत विपक्षी गैर बीजेपी दलों के कई नेताओं ने बीजेपी पर ईवीएम में छेड़खानी कराने का आरोप लगाया था.