Faridabad/Alive News: पाली गांव झरना मंदिर के परिसर में भारत के निर्माता लोहपुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल के जन्मोत्सव पर विशाल रक्तदान, हवन एवं सत्संग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बड़खल विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके कांग्रेसी नेता विजय प्रताप सिंह उपस्थित हुए। वहीं परम श्रद्धेय योगिराज ओमप्रकाश महाराज विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद थे। ग्राम पाली के सरपंच रघुबीर सिंह एवं समस्त समिति ने कांग्रेस नेता विजय प्रताप का स्वागत किया। इस अवसर पर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि लौह पुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल की जयंती 31 अक्तूबर को मनाई जाती है। इस दिन को भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
सरदार पटेल आजाद भारत के पहले उप प्रधानमंत्री थे। देश की आजादी में सरदार पटेल ने अभूतपूर्व योगदान दिया। बल्लभ भाई पटेल ने शराब, छुआछूत और नारियों पर अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी। हिन्दू-मुस्लिम एकता को बनाए रखने की पुरजोर कोशिश की। आजादी की लड़ाई के दौरान वह कई बार जेल भी गए लेकिन पटेल की दृढ़ता के सामने अंग्रेजी हुकूमत को झुकना पड़ा। उन्होंने कहा कि पटेल को देश का पहला उप प्रधानमंत्री बनाया गया। यह पद गृहमंत्री के समान था। उन्हें कई और जिम्मेदारियां सौंपी गईं। सबसे बड़ी चुनौती देसी रियासतों का भारत में विलय था।
छोटे बड़े राजाओं, नवाबों को भारत सरकार के अधीन करते हुए रजवाड़े खत्म करना कोई आसान काम नहीं था लेकिन बिना किसी जंग के सरदार पटेल ने 562 रियासतों का भारत संघ में विलय कराया। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बहुत पुराना है। चीन के षड्यंत्रों को पहले से सरदार पटेल ने भांप लिया था। 1950 में उन्होंने नेहरू को खत लिख कर चीन से संभावित खतरे के बारे में चेतावनी दी थी। हालांकि नेहरू ने उस वक्त सरदार पटेल की चेतावनी पर ध्यान न दिया और परिणामस्वरूप 1962 की चीन की लड़ाई हुई। इस अवसर पर उन्होंने सभी अपने बुर्जुगों के सम्मान करने का आहवान किया। इस अवसर पर ओम भगवान, जगत ङ्क्षसेह, नरेश , कवि भड़ाना, मलखान भड़ाना, सुनील भड़ाना, नरेश भड़ाना, अमित भड़ाना, लोकेश भड़ाना, सतू भड़ाना, बीतू , रूगन नम्बरदार सहित अनेक गण्मांय लोग उपस्थित थे।