New Delhi/Alive News: राष्ट्रीय राजधानी के सरोजिनी नगर में लगभग 200 झुग्गियों के प्रस्तावित विध्वंस पर अंतरिम रोक लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी किया है। जानकारी के मुतबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल झुग्गियों को हटाने के लिए कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल को सरोजिनी नगर स्थित करीब 200 झुग्गियों की बस्ती को खाली कराने का आदेश दिया था। याचिका में दिल्ली झुग्गी पुनर्वास नीति का हवाला दिया गया है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि एक जनवरी 2006 से पहले अस्तित्व में आई झुग्गी बस्तियों को हटाने से पहले उनका पुनर्वास किया जाएगा।
बता दें कि दिल्ली के अधिकांश इलाके खासकर रेलवे पटरियों के पास सैकड़ों की संख्या में झुग्गियां बनी हुई हैं। यही वजह है कि साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में तीन महीने के अंदर लगभग 48,000 झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने का आदेश दिया था। अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेल पटरियों के आसपास बनी झुग्गियां हटाई जाएं। कोर्ट ने ये भी निर्देश दिया गया था कि कोई भी अदालत झुग्गी-झोपड़ियों को हटाने पर स्टे नहीं देगी।
मिली जानकारी के मुताबिक जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने 31 अगस्त को दिए एक आदेश में कहा था कि अगर अतिक्रमण के संबंध में कोई अंतरिम आदेश दिया जाता है, जो रेलवे पटरियों के पास किया गया है, तो यह प्रभावी नहीं होगा। तब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा था कि ये झुग्गी बस्ती हटाने के लिए चरणबद्ध तरीक़े से काम किया जाए। रेलवे सुरक्षा ज़ोन में सबसे पहले अतिक्रमण हटाया जाए, जो कि तीन महीने में पूरा कर दिया जाए।