रूस के साइबेरिया स्थित नॉरिल्स्क शहर को दुनिया का सबसे ठंडा शहर माना जाता है। यहां के निवासी दो महीने तक दिसंबर और जनवरी सूर्योदय नहीं देख पाते। ठंड का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल के 365 में से 270 दिन बर्फ जमी रहती है। लाख 75 हजार की आबादी वाले नॉरिल्स्क शहर का ठंड के दिनों में न्यूनतम तापमान -61 डिग्री सेल्सियस है, जबकि औसत तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस रहता है।
रूस की राजधानी मॉस्को से नॉरिल्स्क करीब 2900 किमी दूर स्थित है। आर्कटिक वृत्त से शहर 300 किमी उत्तर में है। यहां पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। यहां केवल विमान या नौका से पहुंचा जा सकता है। शहर इस कदर रूस से कटा है कि लोग भी बाकी देश को मेनलैंड कहकर ही बुलाते हैं। भले ही दुनिया लिहाजा रूस का सबसे अमीर शहर है। लोगों के पास दौलत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 28 ग्राम पैलेडियम की कीमत एक हजार डॉलर (करीब 70 हजार रुपए) है। खनिजों को निकालने और साफ करने के लिए एक ही कंपनी है-नॉरिल्स्क निकल। पूरे रूस की जीडीपी में इसकी 2% हिस्सेदारी है।
खनन के चलते दाल्दीकन नदी का पानी लाल हो गया है। द टाइम्स के मुताबिक- नॉरिल्स्क निकल एक साल में इतनी सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जित करता है जितनी पूरे फ्रांस में होती है। शहर पर एक डॉक्यूमेंट्री माई डेडली ब्यूटीफुल सिटी बनानेवाली विक्टोरिया फायोर कहती हैं- लोग कंपनी के बारे में कुछ भी बोलने से डरते हैं क्योंकि उनकी जिंदगी उसकी कामयाबी पर ही चल रही है।