Faridabad/Alive News: शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) में निजी स्कूलों में गरीब बच्चों का 25 प्रतिशत दाखिला कराकर उनको निशुल्क शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि व उनके द्वारा किए जा रहे शिक्षा के व्यवसाययीकरण पर रोक लगाने के कई नियम कानून व प्रावधान आरटीई में दिए गए हैं।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने इन सभी नियम कानूनों की जानकारी मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री को देकर मांग की है कि वे इन सभी का पालन सभी प्राइवेट स्कूलों से कराएं जो स्कूल संचालक उनका पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष वरिष्ठ एडवोकेट ओ.पी शर्मा ने कहा है कि आरटीई एक्ट व हरियाणा शिक्षा नियमावली, सीबीएसई, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण व एनसीपीआरसी के सभी नियम कानूनों की जानकारी सरकार को देने व उनका पालन करवाने के लिए मंच ने वरिष्ठ एडवोकेट सतवीर शर्मा की अध्यक्षता में मंच का एक अलग से “मंच आरटीई सेल” बनाया है, जिसमें एडवोकेट बीएस विरदी, मनोज शर्मा, गौरव शर्मा को शामिल किया गया है।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) स्कूल की मनमानी फीस रोकने में मदद करता है। यह कानून यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षा सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य हो। उन्होेंने कहा कि फीस बढ़ाने या वसूलने से पहले शिक्षा निदेशालय से अनुमति ली जाए।
शिक्षा निदेशालय निजी स्कूलों का निरीक्षण करे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे फीस वृद्धि के लिए निर्धारित नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। यदि कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो शिक्षा निदेशालय को पूरा अधिकार दिया गया है कि वह उचित कार्रवाई करे, जैसे कि जुर्माना या स्कूल की मान्यता रद्द करना।
शिक्षा का अधिकार कानून अभिभावकों को शिक्षा निदेशालय से शिकायत करने और अपनी समस्याओं का समाधान करने की अनुमति देता है। शिक्षा का अधिकार कानून यह सुनिश्चित करता है कि छह से चौदह वर्ष के आयु वर्ग के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त हो। यह कानून निजी स्कूलों को नियंत्रित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे मनमाने ढंग से फीस न बढ़ाएं और नियमों का उल्लंघन न करें।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि आरटीई एक्ट के अलावा हरियाणा शिक्षा नियमावली, सीबीएसई, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण व एनसीपीआरसी के बहुत से ऐसे नियम कानून व प्रावधान हैं अगर, सरकार उनका पूरी ईमानदारी से निजी स्कूलों से पालन करवाये तो निजी स्कूलों की हर तरह की लूट व मनमानी पर पूरी तरह से अंकुश लग सकता है लेकिन सरकार निजी स्कूलों की सशक्त लॉबी के दबाब में और उनको दिए जा रहे राजनीतिक संरक्षण के चलते कोई भी कठोर कार्रवाई निजी स्कूलों के खिलाफ नहीं हो रही।
सरकार कही दिखावे की तौर पर अगर कार्रवाई करती भी है तो देर से जब अभिभावक पूरी तरह से निजी स्कूलों के हाथों पूरी तरह से लूट जाते हैं। हालांकि कार्रवाई भी छोटे स्कूलों के खिलाफ की जाती है, बड़े नामी स्कूल खासकर सीबीएसई कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की जाती है।