New Delhi/Alive News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी (Uttarkashi) में निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसके मलबे में फंसे श्रमिकों को निकालने में अभी 4 से 5 दिन का वक्त और लग सकता है। अब पांच अलग-अलग जगह से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जा रहा है जिनमें एक प्लान पुराना मशीन वाला भी शामिल है, शेष चार नए हैं। शनिवार को पूर्व पीएमओ सलाहकार भास्कर खुल्बे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि आज पीएमओ की टीम के साथ एक्सपर्ट्स ने पूरे इलाके और जंगल का मुआयना किया है। इसके साथ ही कुछ जगहाें को मार्क भी किया गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग में फंसे श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक्सपर्ट्स ने कहा कि पुराना रेस्क्यू ऑपरेशन उसी गति से जारी रहेगा, लेकिन अन्य स्थानों से भी बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। इसको लेकर मैंपिंग करने आई टीम को सभी स्थान दिखा दिए गए हैं और जंगल में कुछ पेड़ काटकर वहां मशीनें लगाई जा रही हैं। जंगल में रास्ता बनाना और हैवी मशीनों को वहां तक पहुंचाने के लिए सड़क बन रही है। सारे काम एक्सपर्ट्स की निगरानी में हो रहे है।
पुरानी योजना के अनुसार ड्रिलिंग के जरिए मलबे में रास्ता बनाते हुए उसमें 900 मिमी बड़े व्यास के छह मीटर लंबे पाइप को एक के बाद एक इस तरह डाला जाएगा कि मलबे के एक ओर से दूसरी ओर तक एक रास्ता बन जाए और श्रमिक उसके माध्यम से बाहर आ जाएं। सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाई और पानी भी पाइप के जरिए निरंतर पहुंचाई जा रही है।