Faridabad/Alive News: सेक्टर-37 के इस्कॉन मंदिर में भगवान श्रीराम के प्राकट्य महोत्सव ‘श्रीराम नवमी’ को भक्तिभाव और उल्लास के साथ मनाया गया। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण एक ही हैं, जो विभिन्न युगों में अलग-अलग स्वरूपों में प्रकट होकर अपने दिव्य लीलाओं के माध्यम से भक्तों को आकर्षित करते हैं और जीवन जीने की शिक्षा देते हैं।
इस्कॉन के संस्थापक-आचार्य श्रील प्रभुपाद ने एक आदर्श शिष्य को “परफेक्ट जेंटलमैन” कहा है, जो भगवान श्रीराम द्वारा दिखाए गए आदर्शों को अपने जीवन में उतारता है। भगवान श्रीराम ने अपने आचरण से मानव जीवन के लिए एक उच्चतम आदर्श प्रस्तुत किया — एक आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति और आदर्श राजा के रूप में वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।
इस पावन अवसर पर इस्कॉन मंदिर सेक्टर-37 में दिन की शुरुआत सुबह साढ़े 4 बजे मंगल आरती से हुई। इसके पश्चात जप, कीर्तन, भगवान श्रीराम का अभिषेक और रामायण की झांकियां प्रस्तुत की गईं, जिसने उपस्थित भक्तों को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी भक्तों के लिए प्रसाद वितरण भी किया गया। इस अवसर पर इस्कॉन फरीदाबाद के अध्यक्ष गोपेश्वर दास ने कहा — “हम भगवान के सभी पर्व पूरे उल्लास और भक्ति भाव से मनाते हैं ताकि भगवान और गुरु को प्रसन्न किया जा सके और अधिक से अधिक लोग भगवान की लीलाओं का लाभ उठा सकें। यही भगवान के प्राकट्य दिवस को मनाने का सच्चा तरीका है।”
श्रीराम नवमी का यह उत्सव न केवल भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन की स्मृति दिलाने वाला था, बल्कि भक्ति और सेवा के आनंद से भरा हुआ एक सुंदर आयोजन भी रहा।