Faridabad/Alive News: एग्जाम का समय बच्चों के लिए सबसे ज्यादा तनाव ग्रस्त होता है। बेहतर प्रदर्शन के दबाव में कुछ बच्चे बहुत अधिक प्रेशर लेने लगते हैं। इस कारण से बच्चे अक्सर तनाव का शिकार हो जाते हैं। एग्जाम स्ट्रेस के कारण बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।
कुछ बच्चों में एग्जाम का तनाव इतना ज्यादा हावी हो जाता है कि वे पढ़ाई पर भी ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से वे परीक्षा में बेहतर परफॉर्म नहीं कर पाते हैं । इसको लेकर हमारे संवाददाता ने मनोचिकित्सक से बातचीत की तो उन्होनें बताया कि बच्चों के मन में सिलेबस पूरा न होने का डर भी सताता रहता है।
मष्तिक विशेषज्ञ बताते है कि अच्छे रिजल्ट से लेकर भी बच्चों में चिंता बनी रहती है। इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ सकता है। साथ ही उन्हें पढ़ाई करने में ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है। बच्चों पर एग्जाम के स्ट्रेस का असर अकेले दिमाग पर ही नहीं, बल्कि इसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। एग्जाम स्ट्रेस की वजह से बच्चों के व्यवहार में अचानक से परिर्वतन हो सकता है।
खासतौर पर जब बच्चे के एग्जाम नजदीक होता है, तो वे काफी ज्यादा मायूस और शांत हो जाते हैं। उन्हें दूसरों से बात करना समय की बर्बादी लगता है। ऐसे में न्यूरो मनोचिकित्सक डाॅ. गीतांजलि केसरी से बातचीत की गई तो उन्होनें बताया कि एग्जाम के लिए बच्चों में स्ट्रेस होना एक हद तक सही होता है लेकिन एक लेवल से ज्यादा स्ट्रेस हो तो एग्जाम की परफॉर्मेंस खराब हो जाती है क्योंकि आप स्ट्रेस की वजह से पढ़ नहीं पाते। थोड़ा स्ट्रेस होना चाहिए जिससे पढ़ाई में मन लगे।
न्यूरो मनोचिकित्सक डाॅ. गीतांजलि केसरी ने एग्जाम में जाने वाले बच्चों को बताया कि उन्हें ऐसे में एक शेड्यूल बनाकर चलना सही रहता है उसमें आप यह सब शामिल कर सकते हैं जैसे- कितने बजे उठाएंगे, आपकी सुबह की एक्टिविटीज क्या-क्या रहेगी, कब आपको क्या करना है व किस समय आपको कौन सा सब्जेक्ट पढ़ना है और उसे सब्जेक्ट को कितना टाइम देना है। पूरे दिन में कम से कम 30 मिनट आप जरूर एक्सरसाइज करें जिससे आपका तनाव दूर होगा।
उन्होनें आगे बताया कि मोबाईल से बच्चें पढ़ने की कोशिश कम करें और टैबलेट का इस्तेमाल करें और उसमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स डाउनलोड ना करें। क्योंकि आजकल बच्चों का अधिक से अधिक समय सोशल मीडिया पर बर्बाद हो रहा है और इस बीच बच्चे पढ़ाई पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते।
इसलिए बच्चें एग्जाम के समय तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से दूरी बना कर रहे। डाॅक्टर ने कहा कि बच्चें एग्जाम के समय परिवार व दोस्तों से दूरी न बनाए क्योकि यह समय सभी से डिसक्नेक्ट रहने का नहीं बल्कि क्नेक्ट रहने का हैं। इससे बच्चे की स्ट्रेस की स्थिति थोडी कम हो जाती है और साथ ही पॉजिटिव एनर्जी महसूस करता है।
अक्सर एग्जाम नजदीक आने के कारण बच्चे रात को ठीक से सो नहीं पाते या फिर रात भर जागकर पढ़ाई करते हैं ऐसे में स्ट्रेस का लेवल और भी ज्यादा बढ़ सकता है। इसीलिए आप अपने सोने व जागने का समय निर्धारित रखें ताकि इसकी वजह से आपकी परफॉर्मेंस खराब ना हो सके।