Baban/Alive News : हमको देखो न हेकारत की नजरों से लोगो,मुफलिसी सबको सिखा देती है जीने का हुनर किसी शायद ये पक्तियां राजस्थान से आये राजेश कुमार बहरूपिया पर पूरी तरह से सटीक बैठती है जो गांव गांव घूम कर अपनी कला से लोगो का मनोंरजन करता है ओर अपनी दो जून की रोटी का जुगाड़ कर रहा है। बाबैन कस्बे के कई गांव में अपनी कला का करतब दिखाने वाले राजेश का कहना है कि आज समाज से हमारे पूर्वजों द्वारा दिये गये संस्कार व अपनी संस्कृति लुप्त होने की कगार पर है जिसे वह गांव में जाकर राम, रावण, परशुराम, बागड़ी इत्यादि की भेशभूषा पहन कर लोगो को जागृत करने का काम कर रहे है जिससे आने वाली पीढ़ीयों को इनके बारे में ज्ञान मिले व समाज जागरूक हो सके ।
राजेश का कहना है ऐसी भेशभूषा अपनाकर व किसी की भावना को ठेस नही पहुंचाता बल्कि अपने हुंनर से अपने व अपने परिवार का पेट भरने का काम कर रहा है क्योकि उसके साथ साथ उसके परिवार में तीन बच्चें व उसकी पत्नी उसके साथ रहती है जिसका भरण पोषण करने की जिमेवारी उसकी बनती है।