राजनीति में आने का उद्देश्य गरीब, कमजोर व दबे लोगों की सेवा करना
Faridabad/ Alive News: राजनीति में आने का उद्देश्य सत्ता का सुख भोगने मात्र नहीं, बल्कि दबे-कुचले मजदूरों के कल्याण के लिए होता है। क्योंकि जब तक राजनीति में अच्छे लोग नहीं आएंगे तब तक बुरे लोग पनपते रहेंगे और भ्रष्टाचारी लोग भ्रष्टाचार फैलाते रहेंगे। यह वाक्य सेक्टर 55 के समाजसेवी प्रदीप राणा का कहना है। दरअसल, प्रदीप राणा विधानसभा-86 से भावी उम्मीदवार हैं. राणा मौजूदा सरकार तथा विधायक द्वारा विधानसभा-86 में हो रहे पक्षपात के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. राणा अलाइव न्यूज़ के संवाददाता से अपने विधानसभा की समस्याओं को उजागर करते हुए विधानसभा-86 के विधायक पर जमकर बरसे। प्रदीप राणा ने कहा कि सत्ता का रंग चढ़ते ही विधायक ने अपना रंग बदल दिया।
आज विधानसभा का हाल बद से बदतर है. यहां ज्यादातर मजदूर तबके के लोग रहते है. लेकिन इन मजदूरों को अपनी मूलभूत सुविधा भी मयस्सर नहीं हो रहा है. न तो सड़क, न सीवरेज न बिजली और तो और हमारे विधायक लोगों के लिए पीने के पानी तक का इंतजाम अपने तीन वर्ष के कार्यकाल में नहीं पाए. लोग आज भी पानी के लिए लम्बी कतारों में टैंकरों का इंतजार करते है। उन्होंने विधायक से पूछना चाहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में क्या ये मूलभूत सुविधाएं नहीं आती, जो अभी भी विधानसभा-86 की जनता महरूम है. उन्होंने कहा कि देखिये यहां खासकर पूर्वांचल के लोगों की तादाद ज्यादा है, जो राजनीती का समीकरण तय करते हैं, लेकिन आज उनकी दशा बहुत खराब है। कांग्रेस हो या अब बीजेपी है उनकी आपसी खींचातानी की वजह से हिन्दुस्तान में सबसे गंदे शहरों में फरीदाबाद गिना जाता है।
उनका मानना है कि लोग इस दुनिया में बादशाहों को भूल गए हैं, लेकिन फकीरों को याद रखते है। इन बादशाहों की पोल जनता के सामने खुल चुकी है, जो जनता का सौदा कर अपने घरों को भर रहे हैं. चाहे वो राज्यसभा की बात हो जगजाहिर हो चुकी है. उन्होंने कहा कि मंत्री बने लोगों ने सड़क से लेकर गोची ड्रेन की घेरा बंदी करने तक के कार्यों में जनता के हक़ को मारा है और खुद के घर को बनाया है आज उन्हीं की देन की वजस से एनआईटी की जनता नारकीय जीवन जीने को मजबूर है।