Rewadi/Alive News : उच्चतर शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों में शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव किया है। अब स्नातकोत्तर (पोस्ट-ग्रेजुएट) कक्षाओं को केवल नियमित शिक्षक ही पढ़ाएंगे। यानि इन कक्षाओं में एक्सटेंशन पर कार्यरत लेक्चरर्स पीजी कक्षाओं को नहीं पढ़ाएंगे।
कॉलेजों में एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नियुक्ति स्नातक (अंडर-ग्रेजुएट) कक्षाओं में अध्यापन कार्य के लिए ही होगी। इसको लेकर विभाग प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को निर्देश दिए है। इसके अलावा प्रेक्टिकल क्लास के लिए कॉलेज में लेबोरेट्री संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर समूह बनाकर कक्षाएं लगेंगी। कॉलेज में रेग्युलर फैकल्टी की उपलब्धता के आधार पर कितना वर्कलोड है। स्नातक कक्षाओं में रेगुलर फैकल्टी के शैक्षणिक कार्य उपरांत एक्सटेंशन लेक्चरर्स की नियुक्ति की जरूरत आदि की रिपोर्ट तैयार करनी होगी 7 दिसंबर तक विभाग में भेजनी होगी। इसके बाद इंस्पेक्शन कमेटी वर्कलोड की जांच करेगी। उसके आधार पर जनवरी के पहले सप्ताह में रिटायर्ड एसोसिएट, असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की जाएगी।
ऐसे तैयार होगा प्लान
शिक्षकों को अपने टीचिंग प्लान में अलग-अलग बिंदुओं के आधार पर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। इसमें संबंधित विषय के किस टॉपिक या चैप्टर को निर्धारित अवधि पढ़ाया जाएगा, इसके साथ कौन-कौन सी सह-शैक्षणिक या प्रायोगिक एक्टिविटी कराई जाएगी, और विद्यार्थियों को असाइनमेंट, टेस्ट के लिए क्या-क्या टॉपिक होगा। इसकी जानकारी शिक्षकों को टीचिंग प्लान में शामिल करनी होगी।
इधर, कॉलेजों में नोटिस बोर्ड पर लगाए टीचिंग प्लान
उच्चतर शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों में जहां शैक्षणिक बदलाव किया है। वहीं सरकारी एडिड कॉलेजों में शिक्षकों के लिए सेमेस्टर का टीचिंग प्लान तैयार करना इसे नोटिस बोर्ड, कॉलेज वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करना होगा। यानि कौन शिक्षक, किस दिन क्या पढ़ाएंगे इसकी जानकारी विद्यार्थियों को रहेगी।
प्राचार्य भी सप्ताह में पढ़ाएंगे 4 पीरियड :
शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव को लेकर विभाग निर्देशानुसार अब प्राचार्य भी शिक्षण कार्य करेंगे। प्राचार्यों को सप्ताह में कम से कम 4 पीरियड अवश्य पढ़ाने होंगे। जबकि अभी तक प्राचार्य कॉलेज संबंधित ऑफिशियल कार्यों को पूरा करने में ही जुटे रहते थे। श्रीकृष्ण राजकीय कॉलेज कंवाली के प्राचार्य डॉ. परम भूषण आर्य ने कहा कि उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक व्यवस्था में बदलाव को लेकर निर्देश मिल चुके है। पीजी कक्षाओं को रेगुलर फैकल्टी द्वारा ही पढ़ाया जाएगा। जबकि अंडर-ग्रेजुएट कोर्सों में रेगुलर एक्सटेंशन लेक्चरर्स अपनी सेवाएं देंगे।