Kurukshetra/Alive News : यातायात नियमों को स्कूलो मे पाठयक्रम की तरह पढ़ाया जाना चाहिये ताकि प्रदेश और देश का हर बच्चा यातायात नियमो से अवगत हो। आज के बच्चे ही कल के भावी ड्राईवर हैं। इसलिये यदि यातायात की नियमो की जानकारी बचपन से मिल जाऐ तो उसको कभी भूला नही जा सकता। और दूसरी बात ये बच्चे उन्ही नियमों को अपने परिवार और आस-पड़ोस के लोगों को सिखाऐगें। बच्चो मे कुछ नया सीखने और सिखाने का जज्बा होता है। स्कूल प्रशासन यदि ऐसी पहल करे तो काफी हद तक यातायात नियमों की अन्देखी से होने वाली जान और माल के नुकसान से बचा जा सकता है।
ये बाते डी.एस.पी ट्रैफिक तान्या सिहं आज यातायात पुलिस द्वारा आयोजित यातायात जागरुकता अभियान के तहत सैनी पब्लिक स्कूल मे बच्चो को सम्बोधित करते हुऐ कही। उन्होंने बच्चो से भी आग्रह किया कि क्योंकि वे अभी छोटे हैं तो अपने वाहनो जैसे स्कूटी, बाईक पर स्कूल ना आऐं। उन्होंने स्कूल प्रबन्धन से भी अनुरोध कि ऐसी व्यवस्था बनाये कि बच्चों को दोपहिया वाहन स्कूल मे लाने की अनुमति ना हो।
उन्होंने कहा कि स्कूल बसों के ड्राईवरो का भी समय-समय पर मैडिकल करवायें। स्कूलों मे बोर्ड या दीवारो पर स्लोगन लिखकर भी बच्चों को यातायात नियमो की जानकारी दी जा सकती है। गौरतलब है जिला पुलिस द्वारा स्कूलो मे यातायात को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत आज सैनी पब्लिक स्कूल मे डी.एस.पी तान्या व थाना प्रभारी ट्रैफिक देवेन्द्र कुमार द्वारा यातायात नियमो की जानकारी दी गई।
इससे पहले ट्रैफिक पुलिस की और से ए.एस.आई नरेश सागवाल की टीम द्वारा एक लघु नाटिका ‘क्यों खुद मौत मांगते हो’ का मंचन कर नाटिका के माध्यम से नियमो की अन्देखी पर होने वाले नुकसान को विस्तार से समझाया।
डी.एस.पी ने बच्चों से खुलकर बात की तो, बच्चो ने भी ट्रैफिक नियमों के बारे मे डी. एस.पी और एस.एच.ओ ट्रैफिक से कई सवाल पूछकर नियमों की जानकारी ली। इस मौके पर एस.एच.ओ देवेन्द्र सिहं, स्कूल प्रबन्धन कमेटी के चेयरमैन माया राम सैनी, स्कूल प्रिसिंपल साहिल शर्मा व स्कूल का पूरा स्टाफ मौजूद रहा।