New Delhi : मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के बारे में कहा कि गांव के प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक का मत है कि कश्मीर में अगर नौजवान या सुरक्षाकर्मी की जान जाती है तो ये नुकसान अपने देश का ही है. उन्होंने रविवार सुबह 11 बजे रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की शुरुआत हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद करने के साथ की. इस कार्यक्रम के 23वें संस्करण में उन्होंने कहा-
– कल हॉकी के जादूगर ध्यानचंद जी की जन्मतिथि है, यह दिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रुप में मनाया जाता है.
– मैं ध्यानचंद जी को श्रद्धांजलि देता हूं और इस अवसर पर आप सभी को उनके योगदान की याद भी दिलाना चाहता हूं.
– ध्यानचंद जी स्पोर्ट्समैन स्प्रिट और देशभक्ति की एक जीती-जागती मिसाल थे.
– हमारी कोशिश है कि हमारे पड़ोसियों के साथ हमारे संबंध गहरे हों, हमारे संबंध सहज हों, हमारे संबंध जीवंत हों.
– बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल एक ही सांस्कृतिक विरासत को ले करके आज भी जी रहे हैं.
– पेंशन पर गुजारा करनेवाली एक मां ने अपने 50 हजार रुपये गरीब माताओं को चूल्हे के धुयें से मुक्त कराने के लिए दे दिए.
– पिछले वर्ष अकाल के कारण हम परेशान थे, लेकिन ये अगस्त महीना लगातार बाढ़ की कठिनाइयों से भरा रहा.
– घोर राजनैतिक विरोध रखने वाले दलों ने मिल कर जीएसटी का कानून पारित किया. इसका क्रेडिट सभी दलों को जाता है.
– कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, उसके संबंध में, देश के सभी राजनैतिक दलों ने मिल करके एक स्वर से कश्मीर की बात रखी.
– गांव के प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक का मत है कि कश्मीर में अगर नौजवान या सुरक्षाकर्मी की जान जाती है तो ये नुकसान अपने देश का ही है .
– जो लोग छोटे-छोटे बालकों को आगे कर कश्मीर में अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें जवाब देना पड़ेगा.
– विविधताओं भरे देश को एकता के बंधन में रखने के लिए सबका दायित्व है.
– हम एकता को बल देने वाली बातें उजागर करें तभी देश का उज्ज्वल भविष्य बनेगा.
– मेरा सवा-सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति पर भरोसा है.
– कश्मीर के संबंध में मेरा सभी दलों से जितनी चर्चा हुई, उससे एक बात जागृत होती है कि एकता और ममता ही मूल मंत्र है.
पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देश की जनता को संबोधित करते हैं.