नई दिल्ली : राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर जमकर प्रहार किए। पीएम मोदी ने लोकसभा में आज कहा कि मैं राष्ट्रपति का धन्यवाद करता हूं। ये जनता की आशाओं को पूरा करने का प्रयास है। सभी सांसदों की तरफ से हम स्पीकर महोदय का भी धन्यवाद करते हैं। हमें स्पीकर की सलाह माननी चाहिए। स्पीकर ने पिछले कई महीनों में कई नई पहल की हैं। पीएम ने कहा कि पिछले दिनों जो सदन में हुआ, उससे देश पीडि़त है। इसलिए बहस के दौरान सदन की गरिम बनी रहनी चाहिए। कई मुद्दों पर सरकार को अपने पक्ष में सफाई देनी होती है। पीएम ने नेहरू, राजीव के भाषणों का भी जिक्र किया। राजीव गांधी ने भी एक बार कहा था कि सदन की गरिमा बनी रहे। उन्होंने कहा था कि सबको अपनी बात रखने का मौका मिले। ये बोल मेरे नहीं है बल्कि पूर्व पीएम राजीव गांधी के हैं। और हमें अपने बड़ों की बात जरूर माननी चाहिए। पीएम ने कहा कि सदन नहीं चलने से देश और सांसदों का नुकसान हो रहा है। सदन नहीं चलने के पीछे हीनभावना कारण है। हीनभावना के चलते संसद बाधित हो रही है। क्योकि विपक्ष में कई होनहार सांसद हैं, जिन्हे सुनना काफी लाभदायी है। लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता है।
पीएम ने संसद में अहम बिल पास कराने के लिए सांसदों को न्यौता देते हुए कहा कि प्रशासन को जवाबदेह बनाने वाले बिल में सहयोग करने की अपील की। पीएम ने जीएसटी बिल को लेकर कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि जीएसटी बिल पास कराने से रोका जा रहा है। संसद के बिल लोकतंत्र के बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए होते हैं। संसद के बिल इसलिए कि सिस्टम के दलालों को दूर किया जा सके। सिस्टम से दलालों को खत्म करने के लिए यह बिल जरूरी है। पीएम ने कहा कि देशहित के तमाम बिल लटके पड़े हैं। इसलिए बिल पास कराने में विपक्ष सहयोग करें। जीएसटी बिल भी आपका (कांग्रेस) ही है। सदन की बैठकों को रोकना और बिलों को पास कराने से रोकना विकास में बाधा डालना है। सदन न चलने से विपक्ष का ज्यादा नुकसान होता है। सदन के न चलने से देश पीडि़त है।
पीमए ने यह भी कहा कि 8 मार्च को महिला दिवस पर सिर्फ महिला सांसद ही बोलें। एक हफ्ता तय हो जिसमें सिर्फ नए सांसद ही बोलें। पीएम ने कहा कि 14 साल से मुझे प्रमाणपत्र दिया जा रहा है। पीएम ने कांग्रेस पर प्रहार जारी रखते हुए कहा कि कांग्रेस ने गरीबी की ऐसी जड़ें जमाई हैं, जिसे खत्म करना मुश्किल है। मैं आज जमी हुई गरीबी की जड़ों को उखाड़ रहा हूं। आज गरीबी नहीं होती तो मनरेगा की जरूरत नहीं पड़ती।
मनरेगा में भ्रष्टाचार की बात पर सहमति जताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इन योजनाओं की कमियों से सीखते हुए हमने कुछ नई पहल की हैं। हमने मनरेगा की कमी को दूर किया है। मनरेगा में भष्टाचार की बात से सहमत हूं। मनरेगा में किसी एक मजदूर को कभी 100 दिन का भी काम नहीं मिला। मनरेगा में भष्टाचार है, सीएजी में रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है। मोदी ने कहा कि हमारी आलोचना कमियों की वजह से नहीं, बल्कि ईर्ष्या की वजह से। कांग्रेस को हमारे अच्छे कामों की वजह से जलन है। हमारे अच्छा काम करने से विपक्ष चिंतित है। केंद्र से अब राज्यों को अधिक वित्तीय संसाधन और वित्तीय मदद दिए जा रहे हैं।
राहुल के अध्यादेश फाड़ने को लेकर भी पीएम ने निशाना साधा और कहा कि उपदेश फाड़ वरिष्ठ नेताओं के फैसले का अपमान है। इससे आप मीडिया में छा सकते हैं लेकिन हासिल कुछ नहीं होगा। कुछ लोगों को बातें देर से समझ में आती हैं। कुछ लोगों को नई योजनाएं समझ में नहीं आती हैं। उपदेशक खुद उपदेश का पालन नहीं करते। आजकल उपदेश देने वालों का तादाद बढ़ रही है। हम एक दूसरे का मजाक उड़ाएंगे तो तालियां जरूर बजेंगी। देश को अफसरशाही के भरोसे नहीं छोड़ सकते। देश के सवा सौ करोड़ नागरिकों पर भरोसा करना ही होगा।