New Delhi/Alive News : हरियाणा में अटकलों के विपरीत भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत यूं ही नहीं मिली। प्रभावी दिखाई दे रही कांग्रेस और दस वर्ष की सत्ता विरोधी लहर का सामना करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माइक्रो मैनेजमेंट का दायित्व संभाला।
बूथ प्रबंधन की पाठशाला
भाजपा के रणनीतिकारों के मुताबिक, चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने राज्य की जमीनी थाह ले ली थी। जब देखा कि कार्यकर्ताओं में उत्साह कुछ कम है तो बूथ प्रबंधन की पाठशाला में स्वयं बूथ कार्यकर्ताओं को उत्साह-ऊर्जा का बूस्टर डोज दिया और लिख डाली तीसरी बार प्रचंड विजय की पटकथा।
पीएम मोदी ने 26 सितंबर को नमो एप के माध्यम से हरियाणा के 4,000 शक्ति केंद्रों पर भाजपा के सभी बूथ कार्यकर्ताओं से एक साथ संवाद किया और उन्हें अपने-अपने बूथ पर कमल खिलाने का मंत्र दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से विपक्ष के भ्रमजाल में न पड़ते हुए कांग्रेस के झूठ को करारा जवाब देने की अपील की।
चुनाव जीतने की रणनीति
पीएम मोदी ने कई बूथों का फीडबैक लिया और साथ ही पार्टियों की नीतियों और 10 साल की उपलब्धियों को घर-घर पहुंचाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने की उनकी एक ही रणनीति है। चुनाव जीतने का अर्थ है, पोलिंग बूथ जीतना। जो बूथ जीतता है, वही चुनाव जीतता है।
भाजपा की मजबूत पकड़
हरियाणा का प्रत्येक पोलिंग बूथ भाजपा की मजबूत चौकी है। भाजपा के रणनीतिकार मानते हैं कि प्रधानमंत्री के इस जुड़ाव का संगठन पर स्पष्ट प्रभाव दिखाई दिया। कार्यकर्ता ऊर्जीकृत हुए और बूथ स्तर पर उनकी सक्रियता बढ़ी।