November 6, 2024

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 66वें स्थापना दिवस के अवसर पर लघु सचिवालय परिसर में किया पौधारोपण

Faridabad/Alive News : एसडीएम परमजीत सिंह चहल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा के दौरान हुई ऑक्सीजन की कमी ने हम सभी को यह संदेश दिया है की पौधे हमारे लिए कितने आवश्यक हैं। एसडीएम परमजीत सिंह चहल गुरुवार को लघु सचिवालय परिसर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 66वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक व्यक्ति को यह संकल्प लेना होगा कि वह कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसके संरक्षण की जिम्मेदारी भी ले।

उन्होंने कहा कि आज जहां भी खाली जगह है हमें वहां ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा भी ऑक्सीजन वन योजना शुरू की गई है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में वह शहरी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर ऑक्सीजन वन स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों को 66वें स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि यह देश का सबसे बड़ा बैंक है। उन्होंने कहा कि आज अपने स्थापना दिवस के अवसर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा पौधरोपण की मुहिम शुरू की गई है और हमें इसे लगातार आगे बढ़ाना है।

उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों से आह्वान करते हुए कहा कि आप जनसेवा के इस कार्य में लगातार जुटे हैं और भविष्य में भी इसे आगे बढ़ाते रहें। उन्होंने लघु सचिवालय परिसर को इस अवसर पर गमले भेंट करने के लिए भी एसबीआई अधिकारियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर एसबीआई बैंक लघु सचिवालय शाखा के मैनेजर अशोक कुमार ने कहा कि 1 जुलाई 1955 को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना हुई थी। उन्होंने कहा कि आज यह बैंक देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में शामिल है। उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा अपने ग्राहकों को बेहतरीन सेवाएं देने के साथ-साथ अनेकों जनहित के कार्य भी किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज बैंक की स्थापना दिवस के अवसर पर पौधरोपण का यह कार्यक्रम शुरू किया गया है और यह लगातार जारी रहेगा। इस अवसर पर जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी राकेश गौतम, उप प्रबंधक रेनू भाटिया, अनुरंजना मींज, ओम प्रकाश, किरण गोयल, कीर्ति, जगदीश मलिक सहित सभी बैंक कर्मी मौजूद थे।