मैं राजनीति में मोदी जी के विचारों से प्रभावित होकर आया हूं, लेकिन राजनीति की जमीनी हकीकत देखी तो पता चला कि राजनीति देश के नेतृत्व की हो या फिर एक गली-मौहल्ले की राजनीति, आखिरकार राजनीति ही है। मैं समाजसेवा को सर्वोपरि मानता हूं क्योंकि उसमें राजनीति नहीं सेवा होती है। यह विचार वार्ड-14 के युवा एवं शिक्षित उम्मीद्वार जतिन भाटिया ने अलाईव न्यूज के संपादक तिलक राज शर्मा से एक साक्षात्कार के दौरान कहे। हमने जाना युवाओं में राजनेताओं को लेकर क्या पन्नप रहा है….
समाजसेवा से राजनीति में आने का आपका क्या उद्देश्य है ?
मैं, आपको बताना चाहता हूं कि मेरा उद्देश्य राजनीति करना नहीं है बल्कि राजनीति में रहकर सेवा करना है। मैं कॉर्पोरेट घरानों से लेकर बैंकिंग सैक्टर, रियल स्टेट, टाटा गु्रप जैसी संस्थाओं में शाखा प्रबंधक के रूप में काम कर चुका हूं। देश और विदेश की सबसे बड़ी संस्था लॉयन्स क्लब में ब्लड डोनेशन कैम्प, नि:शुल्क स्वास्थ शिविर और महिलाओं के उथान के लिए समय-समय पर काम करता आ रहा हूं। मुझे राजनीति में आने के लिए मेरी चिकगुनियां की बिमारी ने मजबूर किया। क्योंकि हमारे देश में चिकनगुनियां जैसी बिमारी तब वास करती है जब सफाई के नाम पर करोड़ो रूपए फंूका जा रहा है और सरकार के नेता और मंत्रियों के लिए प्रधानमंत्री का सफाई अभियान सिर्फ फोटो सेंशन बनकर रह जाए। तब हमारे जैसे युवाओं को राजनीति के दलदल में उतरना पड़ता है। मैं ये नहीं कहता कि दलदल पार्षद बनते ही तुरन्त साफ कर दूंगा लेकिन दलदल में उतरने के बाद ही सफाई होती है।
– आपने, इससे पहले किसी राजनीतिक दल से कोई चुनाव लड़ा है ?
सर, मैं आपको बताता चलूं कि मेरा किसी राजनैतिक दल से कोई संबंध नहीं रहा है लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में मैं सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक वोलिएंटर के रूप में अपने कार्यालय में बैठकर काम करता रहा। लेकिन राजनीति की स्वच्छता से रूबरू एक चिकनगुनियां जैसी बिमारी के बाद हुआ।
– जतिन जी, बिमारी और राजनीति का क्या संबंध है ?
शर्मा जी, मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं चिकनगुनिया की बिमारी से पिछले दिनों गंभीर रूप से पीडि़त था और मेरा परिवार शिक्षित और छोटा है। मुझे उस समय अस्पताल में बेड की जरूरत थी, और बेड के लिए सहयोग की जरूरत थी, लेकिन मैंने विधानसभा चुनाव में भाजपा के जनप्रतिनिधी का खुलकर समर्थन किया था, लेकिन अफसोस मुझे सहयोग के समय किसी राजनीतिक व्यक्ति का सहयोग नहीं मिला।
– चुनाव में नया चेहरा और कम अनुभव के बाद भी आप अपनी जीत कैसे मानते है ?
मैं, वार्ड-14 की जनता से अपील करता हूं कि जैसे विधानसभा चुनाव में मोदी जी का चेहरा देखकर एमएलए चुना गया हैं। ऐसे नगर निगम चुनाव में मोदी जी का चेहरा न देखें, बल्कि काबिल शख्सियत को मौका दें।
-जतिन जी, आप अपना मुकाबला किस से मानते हैं ?
सर, मेरा मुकाबला वत्र्तमान सरकार के प्रत्याशी से है। मैं जनता से फिर यहां कहूंगा कि बड़ी शख्सियत का चेहरा देखकर कमजोर प्रत्याशी न चुने। मैं एक ओर बात कहूंगा सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार काफी सम्मानीय है लेकिन नगर निगम में भागदौड़ के मामले में उम्र के हिसाब से कमजोर साबित होंगे। मैं शिक्षित और कॉर्पोरेट अनुभवी होने के नाते हर अधिकारी और काम के महत्व को जानता हूं। मुझे पता है कि किस अधिकारी से कैसे काम लेना है। मैं जनता से अपील करता हूं कि मुझे अपना पार्षद चुने और फिर वार्ड-14 के विकास का हिसाब लें।
-इस चुनाव में आपका मुख्य एजेंडा क्या है और जीत के बाद पहली प्राथमिकता क्या होगी ?
मेरी जीत संभव है, मैं आपको बता दूं कि मेरी पहली प्राथमिकता न्यू टाऊन की नींव की समय से डली सीवर लाईन को चौड़ा करवाने की है, क्योंकि नेहरू जी के बाद न्यू टाऊन में आबादी कई गुना बढ़ी है लेकिन सीवर लाईन आज भी वहीं है। जिससे सडक़ो पर सीवर का पानी ऑवर फ्लो होना आम बात हो रही है। दूसरा सफाई को लेकर मैं काफी चिंतित हूं। मैं बताना चाहता हूं कि अपने वार्ड को प्रदूषण फ्री करना मेरी प्राथमिकताओं में है। वैसे तो बहुत सारी समस्याएं है जैसे स्वच्छ पीने के पानी, पार्को का रख-रखाव, स्ट्रीट लाईन और महिला सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा मेरे एजेंडे में शामिल है।