Faridabad/Alive News : वार्ड 11 स्थित नेहरू कॉलोनी की पेयजल समस्या का निदान आखिर कब होगा, पीने के पानी के लिए तरस रहे कॉलोनीवासी इस सवाल का जवाब अधिकारियों और निवर्तमान पार्षद से मांग- मांगकर थक चुके हैं। कॉलोनी में एक ही ट्यूबवेल है। जिससे लगभग 500 से अधिक परिवार पानी भरते है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत निवर्तमान पार्षद मनोज नासवा और नगर निगम अधिकारियों से की है। लेकिन नगर निगम अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं। उधर, निवर्तमान पार्षद लोगों को पहचानने से इंकार कर देते हैं और शिकायत कर्ताओ को दफ्तर से बाहर निकाल देते हैं।
दरअसल, नेहरू कॉलोनी में पिछले कई सालों से पानी और गंदगी की समस्या बनी हुई है। पूरी कॉलोनी में केवल दो ही ट्यूबवेल लगाए गए है। पहला ट्यूबवेल कॉलोनी के अंदर है तो दूसरा ट्यूबवेल कॉलोनी की मेन रोड पर लगा है। कॉलोनी के अंदर का टयूबवेल काफी समय से खराब पड़ा है। जिसके कारण महिलाएं और बच्चे सड़क पर लगे टयूबवेल से पानी भरने को मजबूर है। वहीं टयूबवेल पर अधिक भीड़ होने के कारण और पानी ना मिलने के कारण हर रोज कॉलोनी के किसी न किसी परिवार का आपस में झगड़ा हो जाता है।
कॉलोनी में नही बिछी पानी की पाइप लाइन
नेहरू कॉलोनी वासियों के अनुसार जब से कॉलोनी बसी है तब से लेकर आज तक कॉलोनी में टयूबवेल से घरों तक पानी की सप्लाई के लिए कोई पाइप लाइन नही बिछाई गई है। जिसके कारण पानी भरने के लिए उन्हें मैन रोड़ पर जाना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं और बच्चों को होती है। आलम यह है कि महिलाएं सिर पर बाल्टी रखकर पानी ढोती है तो बच्चे साईकिल से पानी ढोने को मजबूर है।
क्या कहना है स्थानीय लोगों का
हमने खराब पड़े टयूबवेल को ठीक कराने की शिकायतों कई बार निवर्तमान पार्षद और नगर निगम अधिकारियों से की है। लेकिन सालों बीतने के बाद भी समस्या ज्यों की त्यों है। पानी आने पर बच्चों को अपनी पढ़ाई छोड़कर पानी भरने के लिए टयूबवेल पर जाना पड़ता है। जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई में भी खलल पड़ रहा है।
गर्मी का सीजन शुरू होते ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती है। लेकिन नेहरू कॉलोनी में तो पानी की समस्या बेहद ही विकराल है। यहां एक ही टयूबवेल है, जिससे 500 से अधिक परिवार पानी भरते है। जिसके कारण कई बार टयूबवेल पर लोगों की लड़ाई भी हो जाती है। घरों में पानी सप्लाई की कोई सुविधा ना होने के कारण लोग अपना काम धंधा छोड़कर दूर दराज से पानी भरने जाते है।
संबंधित समस्या को लेकर नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों जेई, एक्सईएन और एसडीओं से मोबाईल पर संपर्क किया गया। लेकिन अधिकारियों ने फोन रिसीव नही किया। नगर निगम अधिकारियों द्वारा फोन रिसीव ना करने से पता चलता है कि अधिकारी अपने काम के प्रति कितने गैर-जिम्मेदार है।