Delhi/Alive News: संसद का शीतकालीन रात्र सौगवार को शुरू हुआ। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों ही सदनों को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। मंगलवार को 11 बजे फिर से दोनों सदनों का कार्यवाही होगी। लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोबारा शुरू होने के एक मिनट के अंदर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई और प्रश्नकाल समेत कोई विधागी कामकाज नहीं हुआ। वहीं राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही गोतम अडानी ग्रुप पर लगे रिश्वत्खोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग करने लगे। इसके बाद जोरदार हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
निचले सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बर्तमान लोकसभा के सदस्य रहे वरांत राव चव्हाण और नूरुल इस्लाम तथा पूर्व सदस्यों एम एम लॉरेंस, एग पार्वती एवं हरीश चंद्र देवराव चव्हाण के निधन के बारे में सदन को सूचित किया। राभा ने कुछ क्षण मौन रखकर दिवंगत सांसदों और पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद कुछ विपक्षी सदस्य एक उद्योगपति से जुड़े मामले और उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को हुई हिंसा के मुद्दे को उठाने का प्रयास करते सुने गए और हंगामे के बीच बिरला ने करीब 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब सदन में पहुंचे तो केंद्रीय मंत्रियों समेत सत्तापक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और उन्होंने मोदी-मोदी के नारे लगाए। दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुनः शुरू होते ही समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद धर्मेंद्र यादव और कुछ अन्य पार्टी सदस्य संभल हिंसा का मुद्दा उठाने का प्रयास करते देखे गए। इस दौरान विपक्ष की अग्रिम पंक्ति में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी खड़े थे।
अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी विभिन्न मुद्दे उठाने का प्रयास कर रहे थे। पीठासीन सभापति संख्या राय ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। शोर-शराबा जारी रहने पर उन्होंने सदन की बैठक एक मिनट के अंदर ही दिनभर के स्थगित कर दी। मंगलवार को संविधान दिवस के लोकसभा की बैठक नहीं होगी। निचले सदन की अगली बैठक अब बुचचार पूवाँल 11 बजे शुरू होगी।
राज्यसभा में क्या हुआ
सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि निषग 267 के तहत उन्हें कुल 13 नोटिस मिले हैं। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन सारगे, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास, कांग्रेस के नीरज डांगी, प्रमोद तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह सहित कुछ जन्य सदस्यों ने अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में चर्चा की मांग को लेकर नोटिस दिए थे।
आम आदमी पार्टी के राघव चडा सहित विपक्ष के कुछ अन्य सदस्यों ने मणिपुर हिंसा और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मुद्दे पर नोटिस दिए थे। सभापति धनखड़ ने इन राभी नोटिस को अस्वीकार कर दिया और खरगे को अपनी बात रखने का मौका दिया। खरगे ने कहा कि अहानी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर है। उन्होंने कहा कि यदि सूचीबद्ध कामकाज को निलंबित कर दिया जाता है तो विपक्षी सदस्य बता सकते हैं कि यह ‘बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा पूरे देश को कैसे प्रभावित कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब हुई और फिर भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अदाणी का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि, इससे पहले खारगे कुछ और बोल पाते, सभापति ने कहा कि वह इस मुद्दे पर उनके नोटिस को अस्वीकार कर चुके हैं इसलिए वह इसे उठा नहीं सकते। इसके बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और आसन से खरगे को बोलने देने की मांग करते रहे। सभापति ने सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन की अपील की। हालांकि जब हंगामा जारी रहा तो उन्होंने 11 बजकर 30 बजे सदन की कार्यवाही 11 बजकर 45 मिनट तक के लिए देने की मांग करते रहे। सभापति ने सदस्यों से सदन के सुचारू संचालन की अपील की। हालांकि जब हंगामा जारी रहा तो उन्होंने 11 बजकर 30 बजे सदन की कार्यवाही 11 बजकर 45 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी।
सदन की बैठक दोबारा आरंभ होने पर सभापति ने सदस्यों से सदन को सुचारू रूप से चलने देने का आग्रह किया। कुछ देर बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर वो लिए स्थगित कर दी। विपक्षी दलों ने मांग की है कि गौतम अदाणी को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ जांच शुरू की जाए। विपक्ष ने अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों पर चर्चा के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति के गठन की भी मांग की है। अडानी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है।