Faridabad/Alive News: सेक्टर-21बी स्थित जीवा पब्लिक स्कूल में किंडरगार्टन से लेकर कक्षा बारहवीं तक के छात्रों एवं उनके अभिभावकों के लिए ‘अभिभावक-शिक्षक भागीदारी मंथन 2.0 कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के उज्ज्वल और सफल भविष्य के लिए अध्यापकों और अभिभावकों की भागीदारी को सुनिश्चित करना है। बच्चों की सफलता के लिए आवश्यक है कि उनको बचपन से ही शिक्षा के साथ-साथ सिद्धांतों और मूल्यों से भी अवगत कराया जाए। इसी श्रृंखला में पैरेंट्स पार्टनरशिप कार्यक्रम के माध्यम से अभिभावकों को भी स्कूल के सभी सिद्धांतों, शिक्षा पद्धति एवं विशेष गतिविधियों से अवगत कराया गया। जिससे इस उद्देश्य में अभिभावकों का भी मुख्य रूप से योगदान रहे। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से बच्चों ने पाठ्यक्रम से संबंधित अपने क्रियाकलापों को भी प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम के आरंभ में पारंपरिक ढंग से दीप प्रज्ज्वलित किया गया। इसके उपरांत स्कूल के विशेष उपलब्धियों को पीपीटी के माध्यम से दर्शाया गया। स्कूल की छात्राओं ने अपनी प्रतिभा को दर्शाते हुए बहुत आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया। छात्रों ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अभिभावकों को बेस्ट पैरेन्टिंग टिप्स दिए गए। ‘हेड ऑफ स्ट्रैटेजिक प्रोजेक्ट’ जयवीर सिंह ने इस कार्यक्रम का संचालन किया और यह भी बताया गया कि कैसे अभिभावक अपने बच्चों को संभाले उनकी समस्याओं को समझें एवं उन्हें अच्छे संस्कार दें। वर्तमान समय में अभिभावकों के समक्ष मुख्य रूप से यह कठिनाई आ रही है कि वे अपने बच्चों को सुखी, स्वस्थ, सक्षम, सभ्य, नीडर कैसे बनाएं। उन्हे नहीं पता कि वे अपने बच्चों को भविष्य के लिए किस प्रकार तैयार करें, क्योंकि बच्चे अपने अभिभावकों का कहना नहीं मानते हैं, जिसके कारण बच्चों को समझाना और उनको उपयुक्त शिक्षा दे पाना एक चुनौती बन गया है।
स्कूल के अध्यक्ष ऋषिपाल चौहान ने भी जीवा लर्निंग सिस्टम की विशेषताओं के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीवा लर्निंग सिस्टम बच्चों के लिए सीखने-समझने और उसी अनुसार कार्य करने पर आधारित है। इसलिए प्रत्येक अभिभावकों को अपने बच्चों की बुद्धि एवं स्वभाव को जानना चाहिए एवं बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए। जीवा स्कूल में बच्चों की बुद्धि, स्वभाव और शारीरिक संरचना के आधार पर कार्य किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारा सिद्धांत है “शिक्षा की विचारधारा को बदलना है भारत को विश्व गुरु बनाना है”।
उपाध्यक्षा चंद्रलता चौहान, एकेडमिक एंड एक्सिलेंस हेड मुक्ता सचदेव एवं प्रमुख संयोजिका लिपिका कौशिक उपस्थित रही और उन्होंने कार्यक्रम का अवलोकन किया।