Gurugram/Alive News : शहर की सामाजिक संस्था एम3एम फांउडेशन खिलाडियों के उज्जवल भविष्य के लिए काम कर रही है। एम3एम फांउडेशन का लक्ष्य प्रोग्राम देश भर के खिलाडियों की आर्थिक रुप से मदद करके उनके जीवन को संवार रही है। लक्ष्य प्रोग्राम के अंतर्गत कई खिलाडियों ने विश्व स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है।
वैसे तो फाउंडेशन के सभी खिलाड़ी होनहार है और फांउडेशन का नाम रोशन कर रहे है परंतु पूजा यादव, मनजीत, साक्षी कसाना और प्रणव सूरमा एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रहे है। इन सभी खिलाड़ियों को एम3एम फाउंडेशन ने लक्ष्य स्कॉलरशिप दी है। इन सभी खिलाड़ियों ने विकट परिस्थितियों का सामना करते हुए पैरा एशियन गेम्स में अपनी जगह बनाई है। इन खिलाड़ियों ने बताया कि फांउडेशन की ओर से हर संभव मदद की जाती है। फाउंडेशन द्वारा की गई मदद सराहनीय है।
पूजा
35 साल की पूजा यादव ने इसी साल जुलाई महीने के पेरिस में आयोजित विश्व पैरा-एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ भाला फेंक में कांस्य पदक जीता और यही नहीं इसी साल बैंगलोर में आयोजित पांचवें इंडियन ओपन नेशनल पैरा इंटरनेशनल चैंपियनशिप के जैवलिन में सिल्वर और डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल किया था। ज्ञात हो कि बचपन में कुंए में गिरने के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई थी बावजूद उन्होंने अपनी दिव्यांगता को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। पूजा एक किसान परिवार की बेटी हैं। पूजा अब पैरा एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चीन जा चुकी है।
मनजीत
मनजीत 2015 में एक दुर्घटना के कारण दृष्टि बाधित हो गई थे। वे जेवलिन थ्रो में राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक के रूप में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। । हाल ही में मनजीत ने बेंगलुरु में आयोजित 5वीं ओपन इंडियन पैरा-एथलेटिक्स इंटरनेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता और पुणे में आयोजित 21वीं राष्ट्रीय पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतकर जिले का नाम रोशन किए। मनजीत अब पैरा एशियाई खेलों के लिए चीन जा चुके है।
साक्षी कसाना
साक्षी कसाना एफ 55 कैटिगरी की पैरा एथलीट है। साक्षी बताती है कि 2017 में उनका एक्सीडेंट हो गया था जिसकी वजह से स्पाइनल कॉर्ड में चोट लग गई। चोट की वजह से पैरों की मूवमेंट चली गई। साक्षी ने 2021 में नेशनल लेवल पर पैरा स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। साक्षी ने डिस्कस थ्रो में सिल्वर, शॉट पुट में सिल्वर तथा इटली ग्रैंड प्रिक्स प्रतियोगिता में डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल किया है। साक्षी पैरा एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चीन जा चुकी है।
प्रणव सूरमा
प्रणव सूरमा बताते हैं कि जब वह 16 साल के थे तब उनका एक्सीडेंट हो गया था। एक्सीडेंट होने के कारण उनके स्पाइनल कॉर्ड में चोट लग गई थी और वह पैरालाइज्ड हो गए थे। प्रणाम बताते हैं कि उन्होंने कहानी सुना था कि ज्यादातर लोग 25 साल की उम्र में मर जाते हैं परंतु उन्हें 75 साल की उम्र में दफनाया जाता है। जीवन की सच्चाई है। 2018 में मैंने स्पोर्ट्स में हिस्सा लेने का मन बनाया। प्रणव बताते हैं कि वह अब एक प्रोफेशनल स्पोर्ट्समैन है। उन्होंने 2019 में बीजिंग ग्रैंड प्रिक्स वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स में सिल्वर मेडल हासिल किया। प्रणव भी पैरा एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चीन रवाना हो चुके हैं।
एम3एम फाउंडेशन की चेयरमैन एंड ट्रस्टी डॉ. पायल कनोडिया ने बताया कि फाउंडेशन की ओर से समय- समय पर सामाजिक कार्य किए जाते है। फाउंडेशन स्टूडेंट्स तथा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए स्कॉलरशिप देती है। पूजा यादव, मनजीत, साक्षी कसाना और प्रणव सुर्मा को फाउंडेशन की ओर से स्कॉलरशिप दी गई। इन खिलाडियों के अलावा अन्य खिलाडियों को भी स्कॉलरशिप दी गई है। फाउंडेशन का उद्देश्य खेल के क्षेत्र में उभरते टैलेंट को प्रोत्साहित करना है। फांउडेशन देश भर से खिलाडियों को ढूंढ़कर उनकी मदद करती है। फांउडेशन की ओर से आगे भी खिलाडियों की मदद करने का सिलसिला जारी रहेगा।
लक्ष्य स्कॉलरशिप के बारे में
लक्ष्य समाज के सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के युवाओं के साथ-साथ खेल और कला में उनके कौशल को सुधारने के लिए प्रतिभाशाली बच्चों के विकास और उन्नति का समर्थन करने के लिए एम3एम फाउंडेशन का एक अनूठा कार्यक्रम है। पूजा की तरह और भी कई लक्ष्य स्कॉलर हैं जो नियमित प्रयास और कड़ी मेहनत करके अपने खेल के क्षेत्र में खुद को साबित कर रहे हैं। एम3एम फाउंडेशन का उद्देश्य लक्ष्य प्रोग्राम के तहत भारत के ऐसे खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप प्रदान करना हैं जिनका खेल में प्रदर्शन बेहतरीन हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाते हैं।
एम3एम फाउंडेशन, एम3एम ग्रुप की परोपकारी शाखा, एक उज्जवल भारत के सपने के साथ, समान विकास लाने की दिशा में काम कर रहा है। शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और सामाजिक-आर्थिक विकास इसके प्रमुख क्षेत्र हैं। फाउंडेशन एक आत्मनिर्भर कार्यक्रम विकसित करके सामाजिक मुद्दों के समाधान के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण अपनाने में विश्वास करता है।