Palwal/Alive News: कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने पिछले दो महीनों में तीव्र गति से अनेक सकारात्मक गतिविधियां आयोजित की है। जिसके परिणामस्वरूप जिला में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट काफी कम हुआ है। इसी कड़ी में जिला में घर-घर प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग जांच की गई। इस स्क्रीनिंग जांच में पलवल जिला प्रदेश में नंबर वन स्थान पर रहा है। उपायुक्त नरेश नरवाल ने कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ विशेष रणनीति बनाई।
इस रणनीति के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सभी लोगों की कोविड-19 मरीजों की पहचान के लिए डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग का कार्य किया गया। पलवल जिला में दस लाख से ज्यादा आबादी की स्क्रीनिंग कर कोरोना पर काबू किया गया। जिला में कोरोना वायरस संक्रमित 10 हजार 176 हैं और वर्तमान में कोरोना संक्रमित के केवल 151 केस एक्टीव है। मृत्यु दर 1.4 प्रतिशत है।
उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि जिला स्तर पर एक, उपमंडल स्तर पर दो और 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और लगभग 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा 15 प्राइवेट अस्पताल हैं।
अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर में फेस मास्क का अधिकतम उपयोग, सोशल डिस्टेंस और स्वच्छता के साथ न्यूनतम भीड़ के सक्रिय दृष्टिकोण से कोरोना पर काबू पाया गया। ग्रामीण क्षेत्रों को अलग-अलग खंडों में विभाजित कर घटना कमांडरों को प्रत्यक्ष जानकारी के लिए तैनात किया गया। एसडीएम की निगरानी में रोगियों के विवरण के साथ गांवों में पटवारियों और ग्राम सचिवों के माध्यम से सर्वेक्षण किया गया। युवा समितियां के जरिए रोजाना सभी गांवों पर नजर रखी गई। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की एएनएम, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर के माध्यम से घर-घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग कर बीमार व्यक्तियों की पहचान की गई तथा उन्हें कोरोना किट वितरित की गई।
हल्के लक्षणों वाले मरीज को घर पर आइसोलेट किया गया तथा गंभीर बीमार मरीजों का अस्पतालों में इलाज किया गया। कंट्रोल रूम के माध्यम से घर पर आइसोलेट मरीजों का समय-समय पर हालचाल पूछा गया तथा उन्हें जरूरी एहतियात बरतने के बारे में जागरूक किया गया। गांव में ठीकरी पहरे भी लगाए गए। किसी एरिया में अधिक मरीज मिलने पर उस एरिया को कंटेनमेंट जोन घोषित कर बैरिकेडिंग कर वहां लोगों के आवागमन को प्रतिबंधित किया गया, ताकि संक्रमण की चैन को तोड़ा जा सके।
उन्होंने बताया कि डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग अभियान में जिला 920 टीमों और विभिन्न विभागों और स्वयंसेवकों से गठित तीन हजार युवा समितियों के साथ एक लाख 83 हजार 166 घरों को सर्वें में कवर किया गया। सिविल सर्जन ने बताया कि स्क्रींनिंग में रैपिड एंटीजन और आरटी-पीसीआर टेस्ट भी किया गया। संक्रमितों के मिलते ही उन्हें तुरंत घर से अलग किया गया। आयुर्वेद दवाएं वितरित की गई और आयुष चिकित्सकों ने परामर्श दिया। टेली कांउसलिंग और टेलीमेडिसिन ने सातों दिन 24 घंटे सेवा के साथ विभिन्न फोन लाइनों से मदद की।