November 16, 2024

ओवैसी के बयान ने पद्मावत के लिए खड़ा किया नया विवाद

Hyderabad/Alive News : लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर करणी सेना के बाद अब एमआईएम भी बयानबाजी पर उतर आया है। ऑल इंडिया मज्लिस-ए-इतेहदुल मुसलिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पद्मावत को ‘बकवास’ बताते हुए मुसलमानों से फिल्म को न देखने का आग्रह किया है। प्रसिद्ध राजपूत रानी पद्मावती और सम्राट अलाउद्दीन खिलजी के इर्द-गिर्द घूमती भंसाली की फिल्म पर ओवैसी के बयान ने एक और नया विवाद खड़ा कर दिया है।

मुसलमान ‘पद्मावत’ न देखें

ओवैसी ने यह बयान बुधवार को वारंगल शहर में अखिल भारतीय अभियान ‘सेव शरिया’ को लेकर एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करने के दौरान दिया। ओवैसी ने मुसलमानों विशेषकर युवाओं से कहा कि फिल्म पद्मावत को देखने न जाएं, अपना समय और पैसा बर्बाद न करें। उन्होंने कहा, यह संयोग एक मुस्लिम लेखक द्वारा लिखी कहानी पर आधारित है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘पद्मावत एक ‘मनहूस’ (शाप-ग्रस्त) और ‘गलीज’ (बुरी) फिल्म है। उसके पीछे भागने की जरूरत नहीं है, पद्मावत को देखने न जाएं। भगवान ने आपको इस दो घंटे की फिल्म देखने के लिए नहीं बनाया है। भगवान ने आपको एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए बनाया है और अच्छी चीजें करें, ताकि सदियों तक उसे याद रखा जाए।’

‘पद्मावत’ के बहाने तीन तलाक को लेकर पीएम पर निशाना

ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ‘बकवास’ फिल्म की समीक्षा करने और उसके दृश्यों में कटौती का सुझाव देने के लिए 12 सदस्यीय समिति का गठन किया। फिल्म पद्मावत की कहानी 16वीं शताब्दी (1540) के कवि मलिक मुहम्मद जयसी द्वारा लिखे गए उपन्यास पर आधारित है, जिसका कोई ऐतिहासिक आधार नहीं है। तीन तलाक को लेकर पीएम मोदी का घेराव करते हुए ओवैसी ने कहा कि सरकार ने एक उपन्यास पर आधारित फिल्म पर बहुत रुचि दिखाई है, लेकिन जब मुस्लिम कानून (ट्रिपल तलाक मुद्दे) की बात आती है, तो प्रधानमंत्री को मुस्लिम नेताओं से परामर्श करना उचित नहीं लगा था।