Faridabad/Alive News : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक पवन जिंदल ने कहा कि हमारा समाज एवं भारतीयता सर्वश्रेष्ठ हैं। प्राचीन वसुधैव कुटुम्बकं अर्थार्थ पूरी दुनिया एक ही परिवार है। हमारी भारतीय संस्कृति जोड़ती है। हमारे तीज त्यौहार में विज्ञान एवं प्रकृति का समावेश है। जिंदल ने सभी को भारत नववर्ष चैत्र शुक्ल एवं विक्रमी सम्वत 2075 की बधाई देते हुए कहा कि नववर्ष हम सभी के जीवन में मंगलमय हो, प्रतिएक परिवार में सुख समृद्धि लाए। जिंदल ने उक्त उद्गार अपने संबोधन में व्यक्त किए।
वाईएमसीए विश्वविद्यालय के सभागार में राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव आयोजन समिति द्वारा आयोजित भारत नववर्ष चैत्र शुक्ल एवं विक्रमी सम्वत 2075 की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्य अथिति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक पवन जिंदल ने उपस्थित जनसमुदाय से आग्रह किया कि वे आने वाली पीढ़ी को पश्चातीय संस्कृति और भारतीय संस्कृति के बारे में बताएं।
जिंदल ने भारत नववर्ष चैत्र शुक्ल एवं विक्रमी सम्वत 2075 के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि हमें अपनी हिन्दू संस्कृति पर गर्व करना चाहिए।अपने जन्मदिन, शादी की सालगृह एवं अन्य मंगल कार्यो पर हवन यज्ञ का आयोजन करना चाहिए। दैनिक कार्यों एवं बोलचाल में अपनी मातृभाषा का प्रयोग करना चाहिए। जापान के नागरिक अपनी जापानी भाषा में सभी कार्य करते है। अपनी मातृभाषा के प्रति लगाव एवं आदर होना चाहिए।
सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ हुआ। उसके उपरांत गणेश वंदना के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमो की प्रस्तुति आरम्भ हुई। विभिन्न प्रदेशों के लोक नृत्य कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए गए जिनमें राजस्थान का घूमर नृत्य, असम का बिहु नृत्य, हरियाणवी लोक नृत्य की प्रस्तुति भारत संस्कृति की विविधता में एकता से साक्षात दर्शन कराए।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख कृष्ण सिंघल, चेयरमैन अजय गौड़, उपमहापौर मनमोहन गर्ग, प्रसिद्ध उद्योगपति के सी लखानी, संजीव खेमका का स्वागत किया गया एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एच.के बत्रा, बी.आर. भाटिया, राजकुमार अग्रवाल, अरुण बजाज, संजय कौशिक, डॉ अरविन्द गुप्ता, डॉ सोनिया बंसल सहित काफी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।