Faridabad/Alive News : कॉलेजों में दाखिले की पहली मेरिट लिस्ट शनिवार को रद्द कर दी गई। संशोधित सूची सोमवार को फिर से जारी की गई। नई मेरिट सूची में पूर्व सूची के नामित विद्यार्थी बाहर हुए हैं। कई नए नाम लिस्ट में शामिल भी किए गए है। मिली जानकारी के मुताबिक अधिकतम व न्यूनतम कटऑफ में एक से दो फीसदी तक बदलाव हुआ है।
वहीं दोबारा से जो मेरिट लिस्ट जारी की गई, उसमें वाणिज्य (कॉमर्स) की कटऑफ हाई बनी रही। इस्सके अलावा बीकॉम पास कोर्स व बीकॉम ऑनर्स में 100 प्रतिशत से ऊपर लिस्ट रही। बीएससी की कटऑफ भी 100 प्रतिशत के पार रही। इस साल राजकीय नेहरू कॉलेज में भारी संख्या में विद्यार्थियों ने आवेदन किए है। ऐसे में कॉलेज की ऑल इंडिया जनरल कैटेगिरी बीएससी (कैमिस्ट्री ऑनर्स) की कटऑफ 102.6 प्रतिशत रही। विभिन्न कॉलेज के दाखिला नोडल के अनुसार सौ फीसदी से अधिक की मेरिट वेटेज (स्थाई निवासी, जाति विशेष व आर्थिक पिछड़ों को पांच अंक का वेटेज) के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी हुई है।
बता दें, कि 10 सितंबर को कॉलेजो में पहली मेरिट जारी हुई थी। इसमें कई छात्र दाखिले की रेस में भी शामिल हुए। वहीं अब दोबारा से जारी मेरिट में कई ऐसे भी छात्र हैं जो मेरिट से बाहर हो गए हैं। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन की टेंशन बढ़ गई है। कॉलेज अपने स्तर पर यह जांचेंगे कि पूर्व में जारी मेरिट के आधार पर दाखिला लेने वाले छात्र नई मेरिट में हैं भी या नहीं। क्योंकि पहली मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद कई छात्रों ने कॉलेज में दाखिला भी ले लिया है।
यदि दाखिला लेने वाले छात्रों का नाम संशोधित मेरिट लिस्ट में नहीं मिलती तो इस मामले की सूचना आगे निदेशालय को भेजी जाएगी। अब नई मेरिट जारी होने के बाद छात्राएं ऑनलाइन फीस भुगतान कर रही हैं। ऐसे में परेशानी नहीं होगी। वहीं आज नयी संशोधित मेरिट सूची कॉलेजों में चस्पा कर दी गई है। दाखिला पोर्टल पर कई जानकारी सीधे ही नहीं देखी जा सकती। छात्र अपने प्रोफाइल में लॉग इन कर प्रोसेस को बेहतर समझ सकेंगे।
दाखिले को लेकर इस बार छात्रों की पसंद को वरीयता दी गई है। विद्यार्थी लॉग इन में विकल्प खुले रखे गए हैं। यदि छात्र को पहली मेरिट के अनुसार कॉलेज पसंद नहीं तो वह दूसरी में नामित होने के लिए ‘डिफर (स्थगित) सीट’ का विकल्प चुन सकते हैं। इससे निदेशालय स्तर पर छात्र को दूसरी मेरिट में शामिल करने की सूचना पहुंचेगी। वहीं पहली की डेट तक यदि छात्र दाखिले का मन बना लेता है तो वह ‘डिफर सीट’ का विकल्प रद्द कर सकता है। ऐसे में छात्र पहली मेरिट के साथ दूसरी के लिए भी अपने स्तर पर दाखिले की संभावनाएं बना सकता है।