Faridabad/Alive News : इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन टीकरी कला टर्मिनल रोहतक रोड दिल्ली में समीर पाल सरो उपायुक्त के आदेशानुसार बीबी कथूरिया सचिव रेडक्रॉस के दिशा निर्देशानुसार सेंट जॉन एंबुलेंस इंडिया के अधिकृत प्रवक्ता डॉक्टर एम पी सिंह ने प्राथमिक सहायता आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। उप महाप्रबंधक वह प्रभारी टर्मिनल ए.के. पोद्दार ने प्रातः 10 बजे दीपशिखा प्रज्वलित करके कार्यशाला की शुरूआत की। यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक सुचारू रूप से चला। इस कार्यक्रम में सीनियर मैनेजर कुलदीप सिंह सिंधु मैनेजर राजेश कुमार शिवजी के सहायक प्रबंधक आंचल शोध सहायक प्रबंधक टर्मिनल भूपेंद्र नगरिया व हिमांशु जिंदल आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।
विषय विशेषज्ञ व प्राथमिक सहायता नामक पुस्तक के लेखक ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि किसी कारण से टैंकर में से तेल बाहर निकलने लगे या रिसाव हो जाए तो तुरंत उस क्षेत्र को संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए और चारों तरफ से लोगों का आना जाना भी बंद कर देना चाहिए। यदि गलती से किसी ने माचिस की तीली वह लाइटर जला दिया तो बड़ा हादसा हो सकता है। हम आज तक भी मथुरा रिफाइनरी के हादसे को नहीं भूल पाए हैं। हमें तुरंत फायर ब्रिगेड को फोन करके बुला लेना चाहिए और फोम वाली फायर ब्रिगेड को उस टैंकर के आस-पास शुरू कर देना चाहिए, ताकि आसानी से भविष्य में होने वाली आपदा पर काबू पाया जा सके।
आपदा प्रबंधन की विषय विशेषज्ञ डॉक्टर एम. पी. सिंह ने कहा कि टैंक रखने की स्थिति में किसी भी हथौड़े से चोट नहीं मारनी चाहिए या 69 का प्रयोग भी नहीं करना चाहिए। उस स्थिति में इस पार्किंग होने की संभावना हो सकती है और भीषण आग का जन्म हो सकता है जिससे पूरे क्षेत्र में भयंकर आग लगने से जान माल की गंभीर छती हो सकती है। डॉक्टर एम पी सिंह ने आग में जलने वाले लोगों को निकालने का तरीका बताया और उनको प्राथमिक सहायता देकर फायरमैन लिफ्ट आदि का प्रयोग करके अस्पताल पहुंचाने के तरीकों का पूर्वाभ्यास कराया। आग की स्थिति में अधिक मात्रा में धुआं फैल जाता है जिससे अधिकतर लोग बेहोश हो जाते बेहोश वह घायलों को सुरक्षित निकालना और उनको प्राथमिक सहायता देकर अस्पताल तक पहुंचाने के तरीकों को विस्तृत रुप से जानकारी दी।
डॉक्टर एम पी सिंह ने प्राथमिक सहायता के विभिन्न पहलुओं पर भी विस्तृत जानकारी दी और एक मॉक ड्रिल कराकर पूर्व अभ्यास कराया उक्त कार्यशाला में हड्डी टूटना, दिल का दौरा, बिजली का झटका लग जाना, पानी में डूब जाना, तेज बुखार, उल्टी,दस्त, कुत्ता काटना, सांप का काटना, जहर खा लेना आदि विषयों पर भी प्राथमिक सहायता के माध्यम से जान बचाने के तरीकों का विस्तृत जानकारी दी