November 17, 2024

D.A.V. कॅालेज मेेेें एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन

Haryana/Alive News : एन.एच.-तीन स्थित डी.ए.वी.शताब्दी महाविद्यालय में आज इतिहास विभाग के तत्वाधान में एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस शोधपरक एवं अत्यन्त उपयोगी विषय के प्रमुख वक्ता थे- डॅा.मन मोहन कुमार-प्रोफेसर एवं अध्यक्ष (भूतपूर्व), इतिहास विभाग, दयानन्द विश्व विद्यालय, रोहतक। जिन्होंने अपनी सम्पूर्ण सेवाकाल की आधी अवधि हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों एवं जिलों में सिन्ध सभ्यता की खोज, खुदाई एवं शोध हेतु खनन क्षेत्रों में व्यतीत किया।

डी.ए.वी. कॅालेज के विशाल सभागार में कला संकाय के अतिरिक्त अन्य छात्र-छात्राओं ने भी भारत की इस महान सभ्यता की खोज, खुदाई, हरियाणा में इसके विभिन्न केन्द्रों एवं नये शोध के बारे मे प्रान्त के प्रसिद्व पुरातत्ववेता प्रो. मन मोहन कुमार से उपयोगी ज्ञान प्राप्त किया।विद्वान इतिहासकार डॅा. कुमार ने छात्रों को पुरातत्व क्षेत्रों की खुदाई में अपनाई जाने वाली सावधनियों, खनन के उपकरणों, प्राप्त भग्नावशेष की सफाई, काल निधारण, भण्डारण, हस्तांरण आदि विभिन्न खननीय प्रक्रियाओं के बारे में विस्तृत एवं सटीक जानकारी दी।

ज्ञातव्य है कि हरियाणा प्रान्त के जीन्द, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, कैथल, कुरुक्षेत्र एवं अम्बाला आदि जिलों में आज से लगभग 7000 वर्ष पुरानी भारत की महान सभ्यता कें अंश मिलते हैं।हरियाणा प्रान्त के कुरुक्षेत्र एवं महषि दयानन्द विश्वविद्यालय के पुरातत्ववेत्ताओं एवं इहिासकारों ने पिछले 50 वर्ष में इन क्षेत्रों में खनन-शोध कर हड़प्पा सभ्यता के इस क्षेत्र में फैले केन्द्रों पर सारगभि एवं विस्तृत प्रकाश डाला है।प्रो. मनमोहन कुमार ने हरियाणा सहित देश के अन्य क्षेत्रों में इस सभ्यता के विस्तार, खनन एवं देश के प्रमुख पुरातत्ववेताओं, इतिहासकारों और सस्थाओं पर प्रकाश डाला।

हरियाणा में सिन्ध सभ्यता की खोज में प्रमुख रुप से प्रो. सूरजभान, डॉ.जे.पी. जोशी, प्रो. अमर सिंह, प्रो. मन मोहन कुमार, प्रो. सिलक राम आदि ने योगदान दिया।उस युग में सिन्ध सभ्यता का व्यापार एवं सांस्कृतिक सम्बन्ध अफ्रीका महाद्वीप के देशों, पश्चिमी एवं मध्य एशिया के देशों के साथ था। हरियाणा मे इस सभ्यता की नगर योजना, किलो की दीवार, मकान, सडक़े, गलियॉ, अनाज, खिलौने, हथियार, औजार,मुहरें, सिक्के, अभूषण, खिलौन, वस्त्र, रत्न, घर में प्रयोग होने वाले असंख्य लकड़ी का सामान, मिट्टी के बर्तन आदि प्रमुख रुप से मिले हैं।

आज की संगोष्ठी की अध्यक्षता डी.ए.वी. कॅालेज के अपरिचय डॉ.सतीष आहूजा जी ने की। उन्होंने आज के मुख्य वक्ता प्रो. मनमोहन कुमार का फूलमालाओं से अभिनन्दन किया। उन्होंने छात्रों का आहवान किया कि युवा सामाजिक एवं मानविकी एवं इतिहास विषयों से प्रेरणा लें।आज के इस संगोष्ठी का आयोजन कॅालेज की इतिहास परिषद के संयोजक प्रो. दिनेश चन्द्र कुमेड़ी ने किया।

इस गोष्ठी में सैकड़ों छात्र-छात्रओं के अतिरिक्त प्रो. अरुण भगत, डॉ.सुनीति आहूजा, प्रो. मुकेश बंसल, डॉ. डी.पी.वैद, डॉ. जितेन्दर ढुल, डॉ. सविता भगत, डॉ. शिवानी के अतिरिक्त शहर के अनेक बुद्विजीवियों ने शिरकत की।