Faridabad/Alive News: मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बीते मंगलवार को सभी जिले के अधिकारियों और जिलेवासियों से कार फ्री–डे मनाने की अपील की थी। लेकिन उनकी इस अपील का असर ना तो सड़को पर देखने को मिला और ना ही विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी इस अभियान के प्रति जागरूक नजर आए। हर संस्थान के परिसर में कारों की लंबी कतारें देखने को मिली, चाहे वह सरकारी अस्पताल परिसर हो या फिर निगम कार्यालय हो, हर जगह पार्किंग फुल दिखाईं दी।
मजे की बात तो यह रही कि इस अभियान की हवा निकालने में जनता से ज्यादा सरकारी अधिकारी ही अव्वल रहे। ऐसी ही एक शिक्षा विभाग की अधिकारी रही जिन्होंने मुख्यमंत्री की घोषणा और जिला उपायुक्त की अपील को अनसुना कर अपने कार्य को अहमियत दी। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सैक्टर–7 सीही के कन्या सरकारी स्कूल में मंगलवार से दो दिवसीय टीचर ट्रेनिंग शिविर में राजकीय प्राथमिक मॉडल संस्कृति विद्यालय की कक्षा पहली और दूसरी को पढ़ाने वाले टीचर की ट्रेनिंग चल रही थी। जिसका निरीक्षण करने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी मुनेश चौधरी सरकारी गाड़ी में सवार होकर ‘कार फ्री–डे‘ वाले दिन पहुंची और ऑनलाइन शिक्षा के प्रति जागरूक भी किया। उसके बाद अजरौंदा और सेक्टर–28 के सरकारी स्कूल का भी दौरा किया। इस से साफ है कि जब जनता को जागरूक करने वाले अधिकारी ही मुख्यमंत्री के (अभियान) घोषणा की हवा निकालेंगे तो सरकार का अभियान भला कैसे सफल हो सकते हैं।
क्या कहना है उपायुक्त का
कार फ्री डे हर बुधवार को मनाने की पहल पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए की गई है। अधिकारियों के साथ साथ आमजन से भी अपील की गई थी। अधिकारियों से इसलिए यह अपील इसलिए कि गयी थी कि उन्हें देखकर लोग जागरूक होंगे। किसी को निर्देश नही थे यह महज एक अपील थी।
– जितेंद्र यादव, उपायुक्त फरीदाबाद।