Faridabad/Alive News : दिन में तेज गर्मी और रात में कड़ाके की ठंड लोगों को बीमारियों की चपेट में ले रही है। सबसे अधिक बच्चे खांसी, जुखाम और बुखार के शिकार हो रहे हैं जिससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। शनिवार को फरीदाबाद का न्यूनतम तापमान 5 और अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
पिछले एक सप्ताह से मौसम में उतार-चढ़ाव की स्थिति देखने को मिल रही है। तेज धूप निकलने से दिन में गर्मी बढ़ जाती है और शाम ढलते ही ठंड का प्रकोप काफी बढ़ जाता है। इस बदलते मौसम में संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है। शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी 25 से 30 प्रतिशत बढ़ गई है। अस्पतालों में खांसी, जुखाम, बुखार, उल्टी और पेट दर्द संबंधी बीमारियों के रोगी इलाज के लिए ज्यादा पहुंच रहे हैं।
नागरिक अस्पताल बीके में एक हफ्ते पहले रोजाना करीब दो हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते थे, अब संख्या बढ़कर 2400 तक पहुंच गई है। इसी तरह एनआईटी 3 स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के फिजिशियन विभाग की ओपीडी में बढ़ोतरी हुई है। यहां पहले 4 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 4700 पहुंच गई है।
एनआईटी 3 स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. प्रवीन मलिक ने कहा कि इस मौसम में गर्मी और ठंड की वजह से बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं। ज्यादा तला भुना खाना खाने से पेट में दर्द के साथ खांसी, जुखाम, बुखार के रोगी काफी बढ़ गए हैं। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
जिले के प्रदूषण के स्तर में पिछले कुछ दिनों से उतार चढ़ाव बना हुआ है। कभी वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 से ऊपर पहुंच जाता है और हवा चलने की स्थिति में कभी इससे नीचे आ जाता है। हालांकि यह लगातार सामान्य से चार गुना अधिक बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी सूची के अनुसार शनिवार को फरीदाबाद का एक्यूआई 224 दर्ज किया गया।
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों की बात करें तो सेक्टर 16 की हवा सबसे खतरनाक श्रेणी में रही। यहां का एक्यूआई 290 दर्ज किया गया। सेक्टर 11 क्षेत्र में 168, सेक्टर 30 क्षेत्र में 149 और एनआईटी क्षेत्र में 288 एक्यूआई दर्ज किया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी आकांशा तंवर ने बताया कि हवा चलने से एक्यूआई में थोड़ा सुधार देखा गया है। हालांकि अभी भी यह मध्यम श्रेणी में है।