Faridabad, 10 March:- एनएच 3 स्थित डीएवी शताब्दी की इंचार्ज डॉ. सुनीति आहूजा ने कहा कि सामाजिक रूप से भी गतिशील रहने की जरूरत है। एनएसएस की गतिविधियों में शामिल होकर सामाजिक उत्तरदायित्वों के प्रति संवेदनशील हुआ जा सकता है। इससे जीवन में रचनात्मकता भी आती है। दूसरों की मदद की जिज्ञासा भी उत्पन्न होती हैकॉलेज की एनएसएस गर्ल्स विंग। जो बदलते आधुनिक परिवेश में निहात ही जरूरी है।
एनएसएस कैंप के तीसरे दिन स्वयंसेविकाओं को संबोधित कर रही थी। उन्होंने एनएसएस के कर्तव्यों से अवगत कराया। इसके बाद स्वयंसेविकाओं ने कालेज के बाहर लोगों मे सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुक किया। उन्हें ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने नियमों का पालन न करने वालों काे गुलाब का फूल दिया। इसके बाद स्वयंसेविकाए एनएच तीन स्थित ब्लाइंड स्कूल गई। डा.आहूजा ने कहा कि किस प्रकार नेत्रहीन बच्चें कम्पयूटर इस्तेमाल कर रहे हैं। सिलाई व बुनाई कर रहे हैं। खाना बना रहे हैं। इससे प्रेरित होने की जरूरत है। स्वयंसेविकाओं ने नेत्रहीन बच्चों के साथ समय व्यतीत किया। मिठाई व झूला आदि वितिरत की।
स्वयंसेविकाओं ने कहा कि इन नेत्रहीन बच्चों से उन्हें आत्मर्निभर बनने की प्रेरणा मिली हैं। इसके बाद कालेज कैम्पस मे चल रहे जरुरतमंद बच्चों के स्कूल गई। स्वयंसेविकाओं ने बच्चों को पढ़ाया। पौष्टिक आहार फल, दूध आदि वितरित किए। सांयकालीन सत्र में स्वयंसेविकाओं को फर्स्ट एड की जानकारी दी गई। दूसरों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया गया। रतन सिंह आजाद ने स्वयंसेविकाओं को प्राथमिक चिकित्सा के तरीके बताए।
एनएसएस ब्वायज विंग द्वारा कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इसमें प्रतिदिन उन्हें सामाजिक कार्यों के प्रति जागरूकता लाई जा रही है।