Kaithal/Alive News : पहली कक्षा के बच्चों को अब बस्ते का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। जिले के छह स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में बैग लैस योजना शुरु की है। योजना की शुरुआत गांव देवीगढ़ के राजकीय प्राथमिक पाठशाला से हुई। योजना के तहत हर एक स्कूल में 69 हजार रुपये की लागत से एक लॉकर बनाया गया है। लॉकर में छुट्टी के होने के बाद बच्चों के बैग जमा कर दिए जाएंगे। यह बैग बच्चों को अगले दिन सुबह स्कूल पहुंचने पर वापस दिए जाएंगे। अतिरिक्त उपायुक्त शक्ति सिंह और जिला शिक्षा अधिकारी ने योजना का शुभारंभ किया। शक्ति सिंह ने बताया कि बच्चों के कंधे से बस्ते का बोझ कम करने के लिए यह योजना शुरू की गई है।
फिलहाल इसको अभी पहली कक्षा में लागू किया गया है। इससे बच्चों को भार से तो मुक्ति मिलेगी ही साथ ही घर पर खेलने के लिए भी अतिरिक्त समय मिलेगा।इस अवसर पर जिला संयोजक सजल गुप्ता, जिला नोडल अधिकारी सुरेश गुलशन और ग्राम पंचायत के सदस्य मौजूद रहे।
किस खंड के किस स्कूल में शुरु हुई योजना
कैथल के गांव देवीगढ़ में, कलायत खंड के गांव बाता में, सीवन खंड के सीवन में, गुहला खंड के गांव भागल में, पूंडरी खंड के गांव पबनावा, और राजौंद खंड के गांव जाखौली की प्राथमिक पाठशाला में बैग लैस योजना शुरु की गई है।
ताले नहीं लगेंगे, रंग से रखेंगे पहचान
बच्चों के बैग रखने के लिए बनाए गए लॉकर पर ताला नहीं होगा। सभी लॉकर का रंग अलग अलग होगा। रंग से ही बच्चे अपने लॉकर ही पहचान रखेंगे। यह फैसला बच्चों की छोटी उम्र को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।