November 16, 2024

अब स्वादिष्ट जामुन से तैयार होगा सौर सेल

गर्मियों के दिनों में ताजा और स्वादिष्ट जामुनों को तोड़ना और खाना बचपन का पसंदीदा काम हुआ करता था, लेकिन आईआईटी रूड़की के वैज्ञानिकों ने इस रसीले फल से सस्ते सौर सेल बनाने का तरीका ढूंढ़ निकाला है.

शोधकर्ताओं ने जामुन में पाए जाने वाले नेचुरल पिगमेंट का इस्तेमाल सस्ते प्रकाश संवेदी के तौर पर किया जिनका इस्तेमाल रंजक (डाइ) संवेदी सौर सेल या ग्रेजल सेलों में किया जाता है. ग्रेजल सेल दरअसल पतली फिल्म वाले सोलर सेल होते हैं, जो टाइटेनियम डाइ ऑक्साइड की परत चढ़े फोटोएनोड, सूर्य का प्रकाश अवशोषित करने वाले डाइ के अणुओं की परत से, डाइ के पुनर्निर्माण के लिए एक विद्युत अपघट्य और एक कैथोड से बने होते हैं.

डाइ के अणुओं या प्रकाश संवेदी के साथ मिलकर ये घटक एक सैंडविच जैसी संरचना बनाते हैं. दृश्य प्रकाश अवशोषित करने की अपनी क्षमता के जरिए ये अणु अहम भूमिका निभाते हैं. आईआईटी रूड़की में सहायक प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता सौमित्रा सतपाठी ने कहा, जामुन के गहरे रंग और आईआईटी परिसर में जामुन के पेड़ों की बड़ी संख्या के चलते यह विचार आया कि यह डाइ के लिए संवेदनशील सौर सेल में उपयोगी साबित हो सकते हैं.

शोधकर्ताओं ने एथेनॉल का इस्तेमाल करके जामुन से डाइ निकाली. उन्होंने ताजे आलू बुखारों और काले अंगूरों का मिश्रित बैरी जूस का भी इस्तेमाल किया. इनमें वर्णक होते हैं, जो जामुन को एक विशेष रंग देते हैं. मिश्रण को तब अपकेंद्रित किया गया और निथार लिया गया. अलग किए गए वर्णक का इस्तेमाल संवेदी के रूप में किया गया.

सतपाठी ने कहा, प्राकृतिक वर्णक आम रूथेनियम आधारित वर्णकों की तुलना में कहीं सस्ते होते हैं और वैज्ञानिक दक्षता सुधारने के लिए काम कर रहे हैं.