Faridabad/Alive News : कनीना स्कूल बस हादसा के बाद निजी स्कूलों ने अपने आप को सुरक्षित करने और कार्यवाही से बचने के लिए नया तरीका खोज लिया है। दाखिला फार्म में ही स्कूल के नियमों के साथ एक लाइन जोड़ दी है जिसमें लिखा जा रहा है कि यदि बस से स्कूल आने जाने वाले स्टूडेंट्स के साथ भविष्य में कोई घटना होती है तो स्कूल प्रशासन इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। इस पर बात की निजी स्कूल अभिभावकों से अंडरटेकिंग ले रहे है, जिसकी ज्यादातर अभिभावकों को जानकारी तक नहीं है।
दरअसल, जिले में बल्लभगढ़ और फरीदाबाद ब्लॉक के प्ले स्कूलों को मिलाकर 1200 से अधिक निजी स्कूल है, जिसमें से कुछ निजी स्कूल एडमिशन का फायदा उठाकर फॉर्म में नया नियम जोड़कर अभिभावकों को बिना बताए उस फार्म पर साइन करवा रहे हैं।
वहीं, जागरूक अभिभावकों की शिकायत है कि फार्म में छोटे अक्षरों में इस नियम को लिखा जा रहा है है। स्कूल में जब बच्चों का दाखिला कराने जा रहे है तब स्कूल में अभिभावकों को फार्म भरने और पढ़ने तक का मौका नहीं दिया जा रहा। स्कूल में रिसेप्शन पर बैठा स्टाफ ही सारे डॉक्यूमेंट्स लेकर खुद ही फॉर्म भर रहा है और अभिभावकों से सिर्फ हस्ताक्षर करवाए जा रहे है। ऐसी स्थिति में अभिभावक फार्म पढ़ नही पा रहे है। अभिभावक बिना जानकारी के ही दाखिला फॉर्म पर हस्ताक्षर कर रहे है। इसके अलावा कुछ स्कूलों ने इस अंडरटेकिंग को स्कूल नियमों में शामिल करते हुए अलग से फॉर्म छपवाए हैं और नया रिकार्ड बनाने का हवाला देते हुए अभिभावकों को स्कूल में बुलाकर फॉर्म साइन करवा रहे हैं। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी को संज्ञान लेना चाहिए।
वहीं, अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि कुछ निजी स्कूल सुविधाओं और उपलब्धियां का गुणगान करते हैं। इस दौरान खुद ही फॉर्म भरकर अभिभावक से साइन करवाते हैं। उन्हें फॉर्म पढ़ने या देखने तक का समय नहीं देते। लेकिन यह हथकंडा अपना कर निजी स्कूल अपनी कमियो को नहीं छुपा सकते।
क्या कहना है अभिभावकों का
स्कूल में बच्चे का एडमिशन कराने गया था। वहां बैठे स्टाफ ने जानकारी लेकर एडमिशन फ्रॉम खुद ही भर दिया और फ्रॉम साइन करवाकर जमा करा लिया। फ्रॉम में स्कूल के क्या नियम है। यह तक सही से नहीं पढ़ पाया।
- कुलदीप सिंह, अभिभावक।
निजी स्कूल में एडमिशन प्रक्रिया समाप्त होने पर है। स्कूल में बच्चे की एडमिशन फीस जमा करने पहुंचा तो एक फ्रॉम पर साइन करवाया ये कहकर कि बच्चों का नया रिकॉर्ड मेंटेन करना है और साइन करने के लिए कहा।
- सुखदेव सिंह, अभिभावक।
क्या कहना है स्कूल एसो. का
यदि ऐसा स्कूलों द्वारा किया जा रहा है तो स्कूल संचालक अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है। ऐसी अंडरटेकिंग से कोई कानूनी बचाव नहीं है। क्योंकि स्कूल बस, ड्राइवर और कंडक्टर की ओर से नियुक्त होते है। ऐसे में किसी भी सूरत में स्कूल का कानूनी बचाव नहीं हो सकता और किसी भी स्कूल को अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागना चाहिए।
- विमल पाल, चेयरमैन- इंडियन प्राइवेट असोसिएशन फरीदाबाद।
क्या कहना है जिला शिक्षा अधिकारी का
अभिभावक जागरूक हो और स्कूल द्वारा दिए गए किसी भी फॉर्म को बिना पढ़े उस पर साइन ना करें। अगर निजी स्कूल इस अपने बचाव में इस तरह का कोई कार्य कर रहे है तो यह सरासर गलत है।
- आशा दहिया, जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद।