Chandigarh/Alive News : हरियाणा में करीब 28 हजार सरकारी नौकरियां कानूनी पचड़े में फंसी हैं। प्रदेश सरकार इन नौकरियों की बाधाएं दूर करने में जुट गई है। इसके लिए न केवल अदालतों में मजबूत पैरवी की जाएगी, बल्कि नई सरकारी भर्ती की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी। भाजपा ने अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में 55 हजार पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। अभी तक चल रही भर्ती प्रक्रिया में पुराने सिस्टम के आधार पर इंटरव्यू होंगे, जबकि नई भर्ती में इंटरव्यू नहीं लिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट सत्र से ठीक एक दिन पहले रविवार को राज्य में दिए गए सरकारी और प्राइवेट रोजगार का पूरा ब्योरा मीडिया के समक्ष पेश किया। मुख्यमंत्री के अनुसार सरकार ने अभी तक 17,300 लोगों को सरकारी रोजगार दिया है। इसके अलावा पूर्व की हुड्डा सरकार में चयनित हुए लगभग 12 हजार जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति देने का काम भी भाजपा ने किया है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जिन नौकरियों को लेकर कोर्ट में केस चल रहे हैं, उन्हें जल्द ही निपटा लिया जाएगा। जिन पदों के इंटरव्यू और रिजल्ट बाकी हैं, उनकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। उन्होंने प्राइवेट सेक्टर में दिए गए रोजगार के आंकड़े भी पेश किए।
हैपनिंग हरियाणा व इन्वेसटर्स समिट में हुए समझौतों का जिक्र करते हुए सीएम ने बताया कि अभी तक पौने सात लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन हुए हैं। इनमें से अभी तक 136 एमओयू सिरे चढ़ चुके हैं और इनसे 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। प्राइवेट सेक्टर में साढ़े तीन वषों में 2.03 लाख युवाओं को रोजगार मिले हैं। कौशल विकास योजना के तहत कुल 2,54,600 युवाओं ने विभिन्न ट्रेड में कोर्स के लिए पंजीकरण करवाया था। पंजीकृत हुए युवाओं में से 1.17 लाख का चयन हुआ और इनकी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। ट्रेनिंग के बाद 37,134 युवाओं की प्लेसमेंट हो चुकी है।1 मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कोशिश है कि कम से कम दो लाख युवाओं को कौशल विकास योजना के तहत ट्रेंड किया जाए ताकि वे अपने पैरों पर खड़ा हो सकें। एमएसएमई के तहत ही 1 लाख 24 हजार युवाओं को रोजगार मिला है।