Faridabad/Alive News : उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक, शोभन चौधरी ने बताया कि उत्तर रेलवे ने स्क्रैप बिक्री में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। 11जून 2024 को नीलामी बंद होने तक, उत्तर रेलवे चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 101.11 करोड़ रुपये के स्क्रैप का निपटान करके भारतीय रेलवे की सभी क्षेत्रीय रेलवे और उत्पादन इकाइयों के बीच स्क्रैप बिक्री में नंबर 1 पर है। उत्तर रेलवे चालू वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये की स्क्रैप बिक्री में मील का पत्थर हासिल करने वाला पहला क्षेत्रीय रेलवे भी है। इस प्रक्रिया में, उत्तर रेलवे ने बिक्री हासिल करने में सबसे कम समय में 71 नीलामियों में 528 लॉट्स बेचे हैं।
स्क्रैप का निपटान एक महत्वपूर्ण कार्य है। स्क्रैप से राजस्व अर्जित किये जाने के साथ-साथ, यह रेल परिसरों को साफ-सुथरा बनाए रखने में भी मदद करता है। रेल पटरियों के टुकड़े, स्लीपर, टाई-बार इत्यादि स्क्रैप को एकत्रित कर इसकी बिक्री से संरक्षा बढ़ाने में मदद मिलती है। उत्तर रेलवे ने स्टाफ क्वाटरों, केबिनों, शैड़ों, वाटर टैंकों इत्यादि परित्यक्त ढांचों के निपटान के कार्य को मिशन मोड में शुरू किया है। इससे न केवल राजस्व अर्जन में मदद मिली है बल्कि बहुमूल्य स्थान की उपलब्धता भी सुनिश्चित हुई है।
इससे शरारती तत्वों द्वारा पुराने ढांचों के दुरुपयोग की संभावना भी समाप्त होती है। इनका त्वरित निपटान सदैव ही रेलवे की प्राथमिकता सूची में रहा है तथा इसकी निगरानी भी उच्च स्तर पर की जाती है। उत्तर रेलवे पर बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए स्क्रैप पीएससी स्लीपरों का निपटान भी त्वरित रूप से किया जा रहा है ताकि राजस्व अर्जित करने के साथ-साथ बहुमूल्य भूमि को रेल गतिविधियों के लिए खाली रखा जा सके।उत्तर रेलवे जीरो स्क्रैप स्टेटस हासिल करने और इस वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक स्क्रैप बिक्री रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए मिशन मोड में कार्य करते हुए अपने परिसरों को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।