November 16, 2024

शरीर का हिस्सा जलने पर, किसी प्रकार का लोशन वैक्यूम नही लगाना चाहिए : एम.पी.सिंह

Faridabad : अनु इंडस्ट्रीज लिमिटेड उद्योग विहार गुरुग्राम में कर्मचारियों और अधिकारियों की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए अचार संगीता ने एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन विषय विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन और सेंट जॉन एंबुलेंस इंडिया के अधिकृत प्रवक्ता डॉक्टर एम.पी.सिंह के द्वारा रैड क्रॉस फरीदाबाद के माध्यम से कराया उक्त कार्यक्रम की शुरुआत डी.जे.एम.डी एस चौहान ने विधिवत की कंपनी के अंदर मारूति के कुछ पाठ प्लास्टिक के बनते है।

जिनको रूप और स्वरूप देने के लिए हिट दी जाती है, और फिर उनको सोल्डर से मजबूत बनाया जाता है। जिसमें वर्ण होने की संभावना हो जाती है उक्त विषय को डॉक्टर एम.पी.सिंह ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि यदि आपके शरीर का कोई भी पार्ट जल जाता है, तो उस भाग को पानी में रखना चाहिए। क्योंकि जलने की स्थिति में रक्त की ऑक्सीजन पराई हो जाती है, और अत्यधिक जलन व दर्द होने लगता है।

यदि शरीर का हिस्सा अधिक जल जाता है, तो उस पर किसी प्रकार का लोशन वैक्यूम नहीं लगानी चाहिए। अति शीघ्र डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रिक वर्ण के साथ शॉर्ट सर्किट से आग भी लग सकती है धूमा भी फैल सकता है। इसलिए एनवायरनमेंट सेफ्टी को भी ध्यान में रखते हुए एग्जिट गीतों का निर्णय लेना चाहिए, और खत्री से रोगी को या रोगी को खतरे से दूर कर देना चाहिए।

इलेक्ट्रिक एक्सीडेंट की स्थिति में कुचालक सामग्री का प्रयोग करते हुए करना चाहिए, और उसके पैरों और हाथों की सूखी मालिश करते हुए अतिशीघ्र अस्पताल ले जाना चाहिए। उसको गर्मी प्रदान करनी चाहिए कोई भी खाद्य पदार्थ में पेय पदार्थ नहीं देना चाहिए। उसके पैरों के नीचे गद्दा लगा देना चाहिए, क्योंकि इलेक्ट्रिक एक्सीडेंट में रक्त का संचार कम हो जाता है। प्रार्थमिक सहायक को कभी भी डॉक्टर बनना नहीं चाहिए और अल्प ज्ञान में कभी किसी की मृत्यु की घोषणा नहीं करनी चाहिए ।

जोगी बस के सगे-संबंधियों को हौसला देते रहना चाहिए। उनके मनोबल को कभी नहीं गिराना चाहिए डॉक्टर के कर्मचारियों और अधिकारियों को साथ लेकर जान बचाने का पूर्वाभ्यास कराया ताकि आपातकालीन स्थिति में किसी भी पीडि़त की जीवन रक्षा के लिए काम किया जा सके। सभी ने बड़ी गंभीरता से अध्ययन किया और साथ और सहयोग दिया।